मुंबई
साल 2025 में चांदी ने निवेशकों को जबरदस्त मुनाफा दिलाया है और अब इसकी चमक 2026 में भी बनी रहने की उम्मीद जताई जा रही है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि चांदी की कीमतों में तेजी के पीछे सिर्फ निवेश नहीं, बल्कि इसकी बढ़ती औद्योगिक मांग भी बड़ी वजह है। चिप, मोबाइल फोन, सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी तकनीकों में चांदी का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है।
जानकारों के मुताबिक, साल 2025 में चांदी ने 100 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है। अनुमान है कि 2026 की पहली छमाही में मौजूदा स्तर से इसमें करीब 20 फीसदी तक और तेजी देखने को मिल सकती है। यानी आने वाले साल में भी चांदी निवेशकों को आकर्षक रिटर्न दे सकती है।
क्यों बढ़ रही हैं चांदी की कीमतें
केडिया कैपिटल के फाउंडर अजय केडिया के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की सप्लाई घट रही है। लंदन और चीन जैसे बड़े बाजारों में उपलब्धता कम होने से कीमतों पर दबाव बढ़ा है। वहीं अमेरिका को चांदी का निर्यात बढ़ने और कॉमैक्स पर ऊंचे प्रीमियम के कारण फिजिकल मार्केट में कमी महसूस की जा रही है। इसके अलावा, चांदी आधारित ईटीएफ में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ने से भी सप्लाई पर असर पड़ा है।
कहां तक जा सकती हैं कीमतें
एक्सपर्ट्स का मानना है कि मार्च 2026 तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 70 से 80 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक पहुंच सकती है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे कीमतों में थोड़ी गिरावट आने पर ही खरीदारी करें। लंबी अवधि में चांदी का रिटर्न सोने से भी बेहतर रहने की संभावना जताई जा रही है।
घरेलू बाजार में रिकॉर्ड तेजी
घरेलू वायदा बाजार MCX पर भी चांदी ने नया रिकॉर्ड बनाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब चांदी सिर्फ सुरक्षित निवेश का साधन नहीं रही, बल्कि इसकी औद्योगिक मांग इसे और मजबूत बना रही है। इसी वजह से आने वाले समय में चांदी और सोने दोनों में तेजी बने रहने की उम्मीद है, हालांकि रिटर्न के मामले में फिलहाल चांदी ने सोने को पीछे छोड़ दिया है।

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