
भोपाल
मध्यप्रदेश में मानसून ने पूरी ताकत के साथ दस्तक दे दी है। रविवार, 27 जुलाई 2025 को प्रदेश में इस सीजन का सबसे ताकतवर बारिश सिस्टम सक्रिय हो गया है। लगातार तेज बारिश के चलते नदियां उफान पर, डैम लबालब, और कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कई शहरों और गांवों में जलभराव की वजह से सड़कों पर आवागमन बंद हो गया है।
मानसून द्रोणिका भी प्रदेश से होकर गुजर रही है। जिसके चलते अधिकतर जिलों में झमाझम बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रविवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, भोपाल, रीवा, शहडोल, उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं अतिभारी बारिश हो सकती है।
आज 35 जिलों ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, दतिया, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज, मैहर, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, उज्जैन, देवास, आगर-मालवा, शाजापुर, रतलाम, मंदसौर और नीमच में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
53 जिलों में रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को मध्यप्रदेश के 53 जिलों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है।
बारिश का सबसे मजबूत सिस्टम एक्टिव
मध्यप्रदेश में इनदिनों मानसून अपने पूरे रंग में है। इस मानसून सीजन का सबसे मजबूत बारिश सिस्टम एक्टिव हो चुका है। इस कारण पूरे प्रदेश में ही कहीं हल्की बारिश तो कहीं मूसलाधार बारिश हो रही है। राज्यभर में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अधिकांश डैम अपनी पूरी क्षमता तक भर चुके हैं, वहीं नर्मदा नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है। शनिवार को भोपाल, इंदौर और उज्जैन सहित 35 से अधिक जिलों में मूसलाधार बारिश हुई। ग्वालियर के डबरा और सीहोर के आष्टा जैसे क्षेत्रों में घरों और दुकानों में पानी घुस गया, जिससे कई सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई।
इंदौर-उज्जैन संभाग भी भारी बारिश का अलर्ट
रविवार को प्रदेश के 53 जिलों में एक साथ अति भारी और भारी बारिश को लेकर रेड, ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया गया है। यह पहली बार है कि पूरे मध्यप्रदेश में मौसम ने गंभीर रुख अपनाया है और मौसम विभाग ने तीनों अलर्ट जारी किए हैं। खासतौर पर मालवा-निमाड़ क्षेत्र यानी इंदौर और उज्जैन संभाग में लंबे समय से जारी सूखे की स्थिति खत्म होने की संभावना है। यहां के सभी 15 जिलों में पहली बार एकसाथ रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा, शहडोल और सागर संभाग के सभी जिलों में तेज बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं चंबल क्षेत्र के मुरैना और भिंड जिलों में फिलहाल हल्की बारिश का अनुमान है, यहां भारी बारिश की चेतावनी नहीं दी गई है।
शनिवार को यहां जमकर बरसे बादल
शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक रतलाम में 45, इंदौर में 44, खजुराहो एवं सतना में 43, दतिया एवं उमरिया में 40, नरसिंहपुर में 37, बैतूल में 34, उज्जैन में 28, टीकमगढ़ में 23, नौगांव में 22, ग्वालियर में 20, मंडला में 17, नर्मदापुरम में 16, खंडवा में 10, दमोह में सात, पचमढ़ी एवं सागर में पांच, भोपाल एवं मलाजखंड में चार मिलीमीटर बारिश हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी पीके रायकवार ने बताया कि अवदाब का क्षेत्र वर्तमान में उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश पर बना हुआ है। इसके पश्चिम दिशा की तरफ बढ़ते हुए रविवार को कमजोर पड़ कर गहरे कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने के आसार हैं। मानसून द्रोणिका अनूपगढ़, चुरू, ग्वालियर, रीवा, उत्तरी छत्तीसगढ़ पर बने अवदाब के क्षेत्र से पुरुलिया, कोंटाई से होकर बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है।
लबालब हुए डैम, खोले गए गेट
मध्यप्रदेश में लगातार तेज बारिश के चलते जलस्तर कई जगहों पर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया। जलभराव और नदियों में उफान की स्थिति को देखते हुए उमरिया के जोहिला डैम, रायसेन के बारना बांध, बैतूल के सतपुड़ा डैम, नर्मदापुरम के तवा डैम, शिवपुरी के अटल सागर डैम, छतरपुर के बान सुजारा डैम के गेट खोल दिए गए। यह फैसला जलस्तर के खतरनाक स्तर तक पहुंचने के बाद लिया गया ताकि बांधों पर दबाव कम किया जा सके।
घरों-दुकानों में घुसा पानी, सड़कें तालाब बनीं
एमपी में लगातार हो रही तेज बारिश से हालात गंभीर होते जा रहे हैं। कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं और प्रशासन अलर्ट मोड पर है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन जैसे बड़े शहर में जलभराव हो गया। भोपाल में शनिवार रात से जारी तेज बारिश ने कई इलाकों को डुबो दिया। इंदौर की सड़कों पर दो फीट तक पानी भर गया, जिससे ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया। सीहोर के आष्टा और उज्जैन में घर-दुकानों तक पानी घुस गया। उज्जैन के महाकाल लोक के प्रवेश द्वार तक नाले का पानी भर गया, धार्मिक स्थल तक भारी बारिश की चपेट में आ गए हैं।
नदियां उफान पर, पुल-पुलिया बह गए
मंडला में नर्मदा नदी का जलस्तर 437.2 मीटर तक पहुंच गया है, जो चेतावनी के स्तर को पार कर चुका है। माहिष्मती घाट का पुल पूरी तरह डूब चुका है, वहीं एक और पुलिया बह गई है। ग्वालियर के डबरा में रामगढ़ नाला उफान पर है, बालाघाट में कोटेश्वर धाम के गर्भगृह में पानी भर गया, जिससे धार्मिक गतिविधियां ठप हो गई हैं।
ग्वालियर में आज़ादी के बाद सबसे भारी बारिश, 90 साल का रिकॉर्ड टूटा
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बारिश ने इस बार सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. पिछले 24 घंटे में हुई 180 मिमी बारिश के साथ ही जुलाई 2025 में अब तक 674 मिमी बारिश हो चुकी है, जो जुलाई 1935 में दर्ज 623 मिमी बारिश को भी पीछे छोड़ चुकी है. पूरे सीजन में अब तक 926 मिमी बारिश दर्ज की गई है. लगातार तेज़ बारिश के चलते शहर के कई इलाकों में हालात बिगड़ गए हैं. महाराजबड़ा इलाका पानी से लबालब हो गया, जबकि चौपाटी रोड कई जगहों से धंसक गई और सड़क के बीच बड़ा गड्ढा बन गया.
जगह-जगह जलभराव से यातायात बाधित हुआ और लोगों की परेशानी बढ़ गई. मौसम विभाग के मुताबिक, यह बारिश ग्वालियर में आज़ादी के बाद की सबसे ज्यादा 24 घंटे में दर्ज की गई बारिश है. शहर में जलभराव और सड़कें धंसने जैसी घटनाओं ने प्रशासन की तैयारियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस असामान्य बारिश की वजह जलवायु परिवर्तन के असर के साथ-साथ शहरी क्षेत्र की जल निकासी व्यवस्था में कमियां भी हैं. फिलहाल नगर निगम की टीमें प्रभावित इलाकों में राहत और मरम्मत कार्य में जुटी हैं.
बरसाती नाले में चली गई जान की बाज़ी! रतलाम में बाल-बाल बचा ट्रैक्टर चालक
रतलाम के धामनोद-ईसरथुनी रोड पर एक व्यक्ति लापरवाही से बरसाती नाला पार करने की कोशिश में ट्रैक्टर सहित बह गया. ग्रामीणों के मना करने के बावजूद उसने जोखिम उठाया, लेकिन गनीमत रही कि ड्राइवर तैरकर बाहर निकल आया. घटना का वीडियो सामने आया है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
मूसलाधार बारिश से नर्मदा का जलस्तर बढ़ा, बरगी बांध के 15 गेट खोले
मूसलाधार बारिश के चलते नर्मदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. हालात को देखते हुए आज दोपहर बरगी बांध के 8 और गेट खोले गए. कल खोले गए 7 गेटों से पहले ही 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, जो अब बढ़कर कुल 15 गेटों से 1 लाख 20 हजार क्यूसेक हो गया है. सभी गेटों की ऊंचाई 1.56 मीटर तय की गई है. नर्मदा के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी से तटवर्ती इलाकों में खतरा बढ़ गया है. गौरीघाट के दुकानदारों ने एहतियातन दुकानें खाली करना शुरू कर दिया है, वहीं तिलवाड़ा घाट, भेड़ाघाट और लम्हेटाघाट में भी लोगों को नदी से दूर रहने की हिदायत दी जा रही है. बरगी बांध में पानी की लगातार आवक बनी हुई है, जिसके चलते नरसिंहपुर, बालाघाट समेत निचले क्षेत्रों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है.
इंदौर में मूसलाधार बारिश पर नगर निगम अलर्ट, जल जमाव पर कंट्रोल रूम से निगरानी
इंदौर में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश को देखते हुए नगर निगम ने अलर्ट जारी कर दिया है. नगर निगम कंट्रोल रूम पर खुद कमिश्नर शिवम वर्मा, कलेक्टर आशीष सिंह और महापौर पुष्यमित्र भार्गव मौजूद रहकर हालात पर नजर बनाए हुए हैं. शहर में जल जमाव की आशंका वाले 12 पॉइंट चिन्हित किए गए हैं, जहां बारिश शुरू होते ही क्विक रिस्पांस टीम तैनात कर दी गई है. नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने कहा कि कोशिश है कि कहीं भी जल जमाव की स्थिति न बने और अगर बनती भी है तो उसकी वैकल्पिक व्यवस्था तुरंत की जा रही है. साथ ही शिवम वर्मा ने नागरिकों की सुविधा के लिए बारिश से जुड़ी किसी भी समस्या की शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे खराब मौसम में सतर्क रहें और जल भराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें.
प्रदेश में अब तक औसतन 23.7 इंच बारिश
प्रदेश में अब तक औसतन 23.7 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य आंकड़ा 15.6 इंच का होता है। यानी 8 इंच ज्यादा बारिश दर्ज की गई है, यह 50% से अधिक है। निवाड़ी, टीकमगढ़, ग्वालियर और श्योपुर में बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जहां सामान्य से 28% अधिक पानी गिर चुका है।
अब तक बारिश से बचे इंदौर, उज्जैन, शाजापुर और बुरहानपुर जैसे जिले अब भी पिछड़ रहे हैं, जहां 10 इंच से कम बारिश हुई है। लेकिन मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों के लिए भी रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। इसका मतलब है अब ये इलाके भी भारी बारिश की चपेट में आ सकते हैं।
रुक-रुककर बारिश का दौर रहेगा जारी
दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। अलग-अलग स्थानों पर बनी इन प्रभावी मौसम प्रणालियों के असर से पूरे प्रदेश में बारिश हो रही है। रविवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, भोपाल, रीवा, शहडोल, उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं अतिभारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि रुक-रुककर भारी बारिश का सिलसिला दो दिन तक बना रह सकता है।
प्रदेशभर में सक्रिय सबसे मजबूत मानसूनी सिस्टम
इस मानसून सीजन का सबसे शक्तिशाली सिस्टम मध्यप्रदेश में सक्रिय हो चुका है, जिससे राज्य के अधिकांश हिस्सों में मूसलाधार वर्षा हो रही है।भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर सहित 35+ जिलों में शनिवार को जोरदार बारिश हुई।
ग्वालियर (डबरा) और सीहोर (आष्टा) में घरों व दुकानों में पानी घुस गया, जिससे कई सड़कों पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया।नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, और डैम पूरी क्षमता तक भर चुके हैं।
इंदौर और उज्जैन संभाग में विशेष अलर्ट
मालवा-निमाड़ क्षेत्र के 15 जिलों में पहली बार एक साथ रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
अन्य क्षेत्रों में भी तेज बारिश की संभावना
भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा, शहडोल और सागर संभागों के सभी जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।चंबल क्षेत्र के मुरैना और भिंड जिलों में हल्की बारिश का अनुमान है और यहां भारी बारिश की चेतावनी नहीं दी गई है।
More Stories
MP में शिक्षक भर्ती के नए नियम, अनुभव प्रमाण पत्र अनिवार्य होने से 10 हजार उम्मीदवारों को झटका
MP में मेडिकल स्टोर्स पर डिस्काउंट बोर्ड बैन, नियम तोड़ा तो रद्द होगा फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन
नकली खाद-बीज बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई, शिवराज सरकार ने बनाया प्लान