इंदौर
मपी में सर्दी का प्रकोप अगले कुछ दिनों तक और बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में शीतलहर और कोल्ड-डे का अलर्ट जारी किया है। विशेष रूप से इंदौर भोपाल, जबलपुर और शहडोल जैसे क्षेत्रों में दिन और रात दोनों ठंडे रहने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ और पहाड़ों में बर्फबारी से चल रही ठंडी हवाएं इसका मुख्य कारण हैं। मौसम विभाग ने सभी जिलों में लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी है।
प्रभावित जिले
1. कोल्ड वेव और कोल्ड-डे: भोपाल, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, शाजापुर, रायसेन, कटनी, सीधी।
2. कोल्ड वेव: इंदौर, जबलपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, पन्ना, उमरिया, शहडोल।
3. कोल्ड-डे: मंदसौर, रतलाम, बैतूल, नरसिंहपुर, मंडला।
स्कूलों का समय बदला
भोपाल और इंदौर सहित कई जिलों में स्कूल सुबह 9 बजे से शुरू हो रहे हैं ताकि बच्चों को ठंड से बचाया जा सके। इंदौर में नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने बुधवार को ही स्कूलों का समय बदलने के आदेश दे दिए थे। गुरुवार को कई स्कूलों ने समय नहीं बदला जिनकी पैरेंट्स ने शिकायत भी की। शुक्रवार से शहर के अधिकांश स्कूलों में समय बदल गया है।
मंदिरों में खास तैयारी
वन विहार और जू में जानवरों के लिए हीटर लगाए गए हैं। मंदिरों में भगवान को ठंड से बचाने के विशेष इंतजाम किए गए हैं। उन्हें गर्म कपड़े पहनाए गए हैं। जू में पिंजरों को ग्रीन नेट से ढंका भी जा रहा है। तेज ठंड का कई जानवरों पर गंभीर असर हो सकता है इसलिए कर्मचारी लगातार मानिटरिंग कर रहे हैं।
इंदौर का तापमान
रात का तापमान: 8.6 डिग्री सेल्सियस।
दिन का औसत तापमान: 24.8 डिग्री।
इन कारणों से बढ़ रही ठंड
मध्य प्रदेश (एमपी) में कड़ाके की ठंड पड़ने के पीछे भारतीय मौसम विभाग (IMD) भोपाल की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने दो प्रमुख कारण बताए हैं। उनका कहना है कि इन दोनों कारणों के चलते उत्तर भारत की सर्द हवाएं मध्य प्रदेश तक पहुंच रही हैं, जिससे प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है।
1. सब-ट्रॉपिकल जेट स्ट्रीम की स्थिति:
पश्चिम-उत्तर भारत में 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर 278 किमी/घंटे की रफ्तार से सब-ट्रॉपिकल जेट स्ट्रीम हवाएं बह रही हैं। अगर इन हवाओं की ऊंचाई कम होती है या गति और तेज होती है, तो ठंड का असर और बढ़ सकता है।
2. वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और साइक्लोनिक सर्कुलेशन
उत्तरी पाकिस्तान और उसके आस-पास के क्षेत्रों में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के साथ एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय है। इससे बर्फ पिघलने की प्रक्रिया तेज हो रही है, जिसके कारण हवा में अधिक ठंडक आ रही है।
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