कोलकाता
कोलकाता में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल है। लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। इसका व्यापक विरोध सोशल मीडिया में भी देखने को मिल रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ना सिर्फ आलोचना की जा रही है, बल्कि उनका एक पुराना बयान भी वायरल हो रहा है। उन्होंने 2012 में दिए एक बयान में बलात्कार के मामलों में वृद्धि के लिए लड़के और लड़कियों के बीच बढ़ते संपर्क को जिम्मेदार ठहराया था।
ममता ने कहा था, "बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं क्योंकि लड़के और लड़कियां अब ज्यादा खुलकर बातचीत करते हैं। पहले अगर पुरुष और महिला हाथ पकड़ते थे तो उन्हें पकड़ लिया जाता था और माता-पिता उन्हें डांटते थे। लेकिन अब सब कुछ खुला है। यह खुले बाजार की तरह है जिसमें खुले विकल्प हैं।" इस बयान ने लोगों के गुस्से को फिर से भड़का दिया है। उन्होंने यह बयान 2012 में कोलकाता के पार्क स्ट्रीट इलाके में चलती कार में हुए सामूहिक बलात्कार मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए दिया था। उन्होंने इसे मनगढ़ंत घटना कहा था जिसका उद्देश्य सरकार को शर्मिंदा करना था।
यह कोई पहला मामला नहीं है जब नेताओं ने रेप जैसा मामलों में शर्मनाक बयान दिए हों। हाल ही में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में नाबालिग से गैंगरेप के मामले में सपा नेता मोईद खान का नाम सामने आने पर राजनीति तेज हो गई थी। राजधानी लखनऊ में कुछ पोस्टर्स लगाए गए थे और मुलायम सिंह यादव के उस बयान की याद दिलाई गई थी जिसमें उन्होंने कभी कहा था, 'लड़के हैं, लड़कों से गलती हो जाती है।'
रेप केस के आरोपी मोईद खान को बचाने में भाजपा ने सपा को घेर लिया था। रेप के आरोपियों के डीएनए टेस्ट वाले अखिलेश यादव के बयान पर भाजपा उपाध्यक्ष (अवध) श्वेता सिंह ने मुलायम सिंह का बयान याद दिलाते हुए एक होर्डिंग लगाई थी, जिसमें लिखा था 'मुईद है गलती हो जाती है?'
आपको बता दें कि विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि मोईद खान समाजवादी पार्टी का सदस्य है और फैजाबाद से सपा सांसद अवधेश प्रसाद की टीम का हिस्सा है।
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