
ढाका
बांग्लादेश में अवामी लीग के एक नेता की गाजी ऑटो टायर फैक्टरी में लगाई गई आग 32 घंटे बाद सुबह बुझ तो गई पर अब उसके गिरने का खतरा मंडरा रहा है। दो दिन पहले गिरफ्तार किए जा चुके अवामी लीग के पूर्व मंत्री गोलाम दस्तगीर गाजी की यह फैक्टरी नारायणगंज के रूपगंज में है।
ढाका से छपने वाले द डेली स्टार अखबार के अनुसार, अग्निशमन सेवा कर्मियों ने कहा है कि फैक्टरी में लगी आग लगभग 32 घंटे बाद सुबह 5:00 बजे पूरी तरह से बुझा ली गई। अग्निशमन सेवा और नागरिक सुरक्षा के सहायक निदेशक अनवारुल हक ने कहा कि इमारत की स्थित बेहद नाजुक है। उसके गिरने का खतरा है। उन्होंने चेतावनी भी दी कि संरचना के अंदर बची हुई गर्मी के कारण आग दोबारा भड़कने का खतरा भी बरकरार है।
अनवारुल हक ने कहा कि लंबे प्रयास के बाद हम फिलहाल आग को कम करने में कामयाब रहे, लेकिन इमारत के अंदर अभी भी काफी गर्मी है। टर्नटेबल लैडर (टीटीएल) का उपयोग करके की गई तलाशी के बाद छत पर कोई हताहत नहीं पाया गया। अग्निशमन सेवा निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल रेजाउल करीम ने कहा है कि आग पर कल शाम लगभग 7:05 बजे नियंत्रण पा लिया गया था।
दे डेली स्टार के अनुसार, आग बुझते ही लापता लोगों के रिश्तेदार फैक्टरी के सामने एकत्र हो गए। वे उत्सुकता से अपने प्रियजनों की सलामती की खबर का इंतजार कर रहे थे। सनद रहे पूर्व मंत्री गोलाम दस्तगीर गाजी की गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद अपराधियों ने रविवार रात करीब 9:00 बजे उनकी फैक्टरी में आग लगा दी थी। फैक्टरी के अधिकारियों ने दावा किया कि रविवार दोपहर दो समूहों में सैकड़ों लोगों ने ढाका-सिलहट राजमार्ग के किनारे रूपशी इलाके में छह मंजिला इमारत पर धावा बोला और तोड़फोड़ करने के साथ लूटपाट की। गाजी टायर्स के सहायक महाप्रबंधक सैफुल इस्लाम ने कहा है कि अपराधियों ने रात करीब नौ बजे भूतल पर आग लगाई।
अग्निशमन सेवा निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल रेजाउल करीम ने कहा है कि कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि फैक्टरी में उनके रिश्तेदार अंदर थे। आग लगने के बाद वह निकल नहीं पाए। उन्होंने कहा कि हम लापता लोगों के नाम पते नोट कर रहे हैं। अब तक हमारे पास ऐसे 174 नाम हैं।
More Stories
Opal Suchata बनीं Miss World 2025, थाईलैंड में जन्मीं सुचाता अपने देश की पहली मिस वर्ल्ड
जर्मनी ने प्रवासियों के लिए अपनी नागरिकता को जल्द न देने का किया फैसला, फैमिली वीज़ा पर लगा ब्रेक
एलन मस्क ने भारत में हाई-स्पीड इंटरनेट क्रांति के खोल दिए द्वार