
लॉर्ड्स
लॉर्ड्स टेस्ट में टीम इंडिया को रोमांचक मैच में हार का सामना करना पड़ा है. भारत के सामने 193 रनों का लक्ष्य था. लेकिन शुभमन गिल की सेना महज 170 के स्कोर पर ही ढेर हो गई. जडेजा एक छोर पर टिके रहे और नाबाद 61 रनों की पारी खेली लेकिन भारत ये मैच 22 रन से हार गया. इस जीत के साथ इंग्लैंड की टीम 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में अब 2-1 से आगे है. पांचवे और आखिरी दिन भारत को 135 रनों की दरकार थी. जबकि 6 विकेट हाथ में थे. लेकिन पंत, राहुल और रेड्डी समेत कोई भी बल्लेबाज अंग्रेजों के सामने टिक नहीं सका और भारत को हार का सामना करना पड़ा. दोनों टीमों के बीच सीरीज का चौथा मुकाबला 23 जुलाई से मैनचेस्टर में होगा.
भारत की दूसरी पारी की हाइलाइट्स
टारगेट का पीछा करते हुए दूसरी पारी में भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही. उसने यशस्वी जायसवाल का विकेट दूसरे ही ओवर में गंवा दिया, जो अपना खाता भी नहीं खोल सके. फिर भारतीय टीम ने खेल के चौथे दिन करुण नायर (14 रन), कप्तान शुभमन गिल (6 रन) और नाइवॉचमैन आकाश दीप (1 रन) का भी विकेट गंवाया. पांचवें दिन भी भारत की खराब लय जारी रही और जडेजा के अलावा कोई भी बल्लेबाज ज्यादा देर तक नहीं टिक सका.
इन 5 कारणों में छिपी है लॉर्ड्स में भारत की हार की पूरी कहानी
दूसरी पारी में टॉप ऑर्डर रहा फेल
लीड्स और बर्मिंघम टेस्ट में शानदार बल्लेबाज़ी करने वाले शुभमन और यशस्वी इस बार दोनों पारियों में सिर्फ 39 रन ही बना सके. करुण नायर, जो पहले दो टेस्ट में एक भी अर्धशतक नहीं बना पाए, इस टेस्ट में 40 और 16 रन बनाकर आउट हुए. ऐसे में राहुल, पंत और जडेजा पर ही सारी उम्मीदें टिकी रहीं. राहुल ने 100 और 39 और जडेजा ने 72 और 61 रन की पारियां खेलीं, लेकिन उन्हें किसी भी बल्लेबाज़ से समर्थन नहीं मिला.
पहली पारी की गलतियां पड़ी भारी
पहली पारी में भारत 376/6 पर था लेकिन अगले 4 विकेट सिर्फ 11 रन में गिर गए. दूसरी पारी में टीम 193 रन के आसान लक्ष्य का पीछा कर रही थी, लेकिन पहले दिन का अंत 58/4 पर हुआ. पांचवें दिन पहले सत्र में तीन और विकेट सिर्फ 24 रन में गिर गए. 112 रन पर 8 विकेट गिरने के बाद भारत की हार तय हो गई थी.
जोफ्रा आर्चर ने बाएं हाथ के बल्लेबाजों को किया परेशान
4 साल बाद टेस्ट क्रिकेट में लौटे जोफ्रा आर्चर ने भारत के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कीं. पहली पारी में उन्होंने यशस्वी को पहली ही गेंदों में आउट किया. दूसरी पारी में उन्होंने यशस्वी, पंत और सुंदर को आउट कर दिया. बाए हाथ के बल्लेबाजों के लिए आर्चर मुश्किल बनते गए. उन्होंने इस मैच में कुल 5 विकेट लिए और कमाल की बात रही की वो सभी विकेट बाए हाथ के बल्लेबाजों के थे.
कठिन होती गई पिच
लॉर्ड्स की पिच मैच के दौरान लगातार मुश्किल होती गई. पहले दिन जहां 251 रन बने और 4 विकेट गिरे (प्रत्येक 63 रन पर एक विकेट), वहीं पांचवें दिन पहले सत्र में 54 रन पर 4 विकेट गिरे, यानी प्रत्येक 14 रन पर एक विकेट. इसलिए टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करना इंग्लैंड के लिए फायदेमंद साबित हुआ.
सिराज का बैडलक
एक समय टीम इंडिया का स्कोर 112-8 था. इसके बाद बुमराह और जडेजा के बीच कमाल की साझेदारी हुई. बुमराह ने जडेजा का पूरा साथ दिया. बुमराह ने 54 गेंद खेली और केवल 5 रन बनाए. 147 पर जब बुमराह का विकेट गिरा तो सिराज ने उनका रोल निभाया. सिराज बी 30 गेंद खेल गए. लेकिन आखिर में सिराज का बैडलक उनपर भारी पड़ा और गेंद उनके पैर से टकराने के बाद स्टंप पर लग गई.
शोएब बशीर बचे दोनों टेस्ट से बाहर हो गए
लॉर्ड्स टेस्ट में मिली जीत के बाद मेजबान इंग्लैंड को एक बड़ा झटका लगा है. भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के पहले तीन मैचों में सबसे ज्यादा ओवर फेंकने वाले शोएब बशीर बचे दोनों टेस्ट से बाहर हो गए हैं. बशीर ने सबसे ज़्यादा 140.4 ओवर (844 गेंदें) डाले, जो किसी भी गेंदबाज़ द्वारा सबसे अधिक हैं. हालांकि इंग्लैंड सीरीज में 2-1 से आगे है, लेकिन अधिकतर पहलुओं में भारत ने मेज़बानों को पीछे छोड़ा है, खासकर स्पिन डिपार्टमेंट में. 20 वर्षीय ऑफ स्पिनर, जिन्होंने धीरे-धीरे इंग्लैंड के प्रमुख स्पिनर के रूप में अपनी जगह बनाई थी, को लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट के दौरान बाएं हाथ की उंगली में फ्रैक्चर हो गया.
जाने क्यों बाहर हुए शोएब बशीर
यह चोट तब लगी जब बशीर ने तीसरे दिन रविंद्र जडेजा का कैच पकड़ने की कोशिश की. गेंद पकड़ते वक्त उनकी उंगली पर चोट लगी और वह मैदान छोड़कर चले गए. इसके बाद वे भारत की पहली पारी में गेंदबाज़ी के लिए नहीं लौटे. शुरुआत में इंग्लैंड टीम प्रबंधन को उम्मीद थी कि वे अगला मैच खेल सकेंगे, क्योंकि भारत की दूसरी पारी में उन्होंने आखिर में गेंदबाजी की और सिराज का आखिरी विकेट भी झटका. लेकिन अब यह पुष्टि हो गई है कि बशीर इस सप्ताह सर्जरी करवाएंगे और सीरीज के बाकी मैचों में हिस्सा नहीं लेंगे.
फ्रैक्चर के बावजूद बशीर पूरी तरह मैच से बाहर नहीं रहे. इंग्लैंड की दूसरी पारी में उन्होंने बल्लेबाज़ी की और 9 गेंदें खेलीं. इसके बाद वे पांचवें दिन के अंत में गेंदबाज़ी के लिए भी लौटे. दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने ही मैच का अंतिम विकेट लिया.
ऐसा रहा है बशीर का प्रदर्शन
तीन टेस्ट मैचों में बशीर ने 54.1 की औसत से 10 विकेट लिए. यह प्रदर्शन शानदार तो नहीं रहा, लेकिन वे इंग्लैंड के सबसे अधिक इस्तेमाल किए गए गेंदबाज़ रहे. उन्होंने सीरीज में सबसे ज़्यादा रन (541) भी दिए.
अब बशीर की अनुपस्थिति ने इंग्लैंड की योजनाओं को मुश्किल में डाल दिया है. जैक लीच, जो बशीर के आने के बाद प्लेइंग इलेवन से बाहर हुए थे, यदि फिट हैं तो उन्हें वापस लाया जा सकता है. अन्य विकल्पों में रेहान अहमद, टॉम हार्टली और लियाम डॉसन शामिल हैं. वहीं, जैकब बेटेल, जो पहले से स्क्वॉड में हैं, उन्हें अतिरिक्त बल्लेबाज़ी और स्पिन विकल्प के तौर पर टीम में शामिल किया जा सकता है.
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