काबुल
हाल के कुछ वर्षों से अफगानिस्तान की सत्ता पर राज कर रहा तालिबान, भारत के साथ संबंध सुधारने की दिशा में लगातार पहल कर रहा है। ताजा पहल के मुताबिक, तालिबानि अधिकारियों ने अफगानिस्तान स्थित हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों को उनकी जमीन वापस करने की दिशा में काम शुरू किया है। आपको बता दें कि पश्चिमी देशों के समर्थन वाली पिछली सरकार के दौरान इनसे इनकी जमीन छीन ली गई थी।
इस मामले पर तालिबान के एक अधिकारी ने कहा, ''यह पहल अफगानिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अन्याय को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।'' आपको बता दें कि अफगानिस्तान में लंबे समय से हिंदू और सिख विस्थापित होते आ रहे हैं। वहां उन्हें हाशिए पर धकेल दिया गया।
भारतीय अधिकारी इस घटनाक्रम को भारत के प्रति तालिबान के सकारात्मक संकेत के रूप में देखते हैं। हिंदू और सिख समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले संसद सदस्य नरेंद्र सिंह खालसा हाल ही में कनाडा से अफगानिस्तान लौटे हैं।
भारत में सीएए
विदेशी जमीन पर पीड़ित ऐसे अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में नागरिकता संसोधन अधिनियम यानी सीएए को लागू किया है। यह बिल बहुत पहले संसद से पास हो चुका है। देशभर में इसके खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शन के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। हालांकि, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इसे लागू कर दिया गया है।
आपको बता दें कि सीएए के जरिए विदेशों खासकर पड़ोसी देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, ईसाई) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।
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