
भोपाल
पश्चिमी विक्षोभ, द्रोणिका और चक्रवात के चलते प्रदेश में 9 जून तक बादल बारिश और आंधी की स्थिति बनी रहेगी। आज शुक्रवार को भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, सागर, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभाग में कहीं कहीं बादल छाने के साथ बारिश की संभावना जताई गई है।
वर्तमान में मानसून की उत्तरी सीमा मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, भवानीपटना, पुरी, बालुरघाट से होकर ही गुजर रही है, ऐसे में प्रदेश में मानसून की एंट्री 10 से 15 जून के बीच होने की संभावना है।15 जून के बाद पूरे प्रदेश में अच्छी वर्षा का दौर शुरू हो सकता है।
आज इन जिलों में बारिश/आंधी का अलर्ट
आज शुक्रवार को 45 जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश होने की संभावना है। इस दौरान 30 से 40 किमी प्रतिघंटा के हिसाब से आंधी चल सकती है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, सीहोर, राजगढ़, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सागर, दमोह, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा।
10 के बाद मानसून की होगी एंट्री
प्रदेश में मानसून की एंट्री 10 जून के बाद ही होने की संभावना है। मौसम विभाग की माने तो अभी मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा है। पिछले कुछ दिन से ये आगे नहीं बढ़ा है। हालांकि मध्य प्रदेश में प्री मानसून की बारिश लगातार चल रही है जिस वजह से प्रदेश के तापमान में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। लोगों को गर्मी से राहत मिली हुई है।
वर्तमान में सक्रिय है कई मौसम प्रणालियां
वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ यूपी के आसपास द्रोणिका के रूप में बना हुआ है। मध्य पाकिस्तान एवं उससे लगे हुए उत्तर-पश्चिमी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात मौजूद है। दक्षिणी हरियाणा पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना है। दक्षिणी छत्तीसगढ़ से ओडिशा, झारखंड, दक्षिणी बिहार, पश्चिम बंगाल से होते हुए उत्तर-पूर्वी बांग्लादेश तक एक द्रोणिका बनी हुई है। इन मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश में रुक-रुक कर वर्षा का सिलसिला बना हुआ है।फिलहाल 9 जून तक मौसम ऐसा ही रहेगा।
9 जून तक ऐसा रहेगा मौसम
6 जून शुक्रवार : भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, सीहोर, राजगढ़, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सागर, दमोह, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में आंधी-बारिश का अलर्ट।
7 जून शनिवार : मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बैतूल, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, खंडवा, इंदौर, धार, बड़वानी, झाबुआ और अलीराजपुर में तेज आंधी/हल्की बारिश।
8 जून रविवार : इंदौर, मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बैतूल, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, खंडवा, धार, बड़वानी में तेज आंधी/हल्की बारिश ।
9 जून सोमवार : उज्जैन, मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर में तेज आंधी/बारिश।
26 अप्रैल से जारी है आंधी-बारिश इस बार भीषण गर्मी में भी आंधी-बारिश वाला मौसम रहा। प्रदेश में 26 अप्रैल से आंधी-बारिश का दौर शुरू हो गया था, जो 5 जून को भी जारी रहा। यानी, लगातार 41 दिन से प्रदेश के किसी न किसी जिले में पानी गिर रहा है, या आंधी चल रही है। मौसम विभाग ने अगले 4 दिन यानी, 9 जून तक ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान जताया है।
आगे नहीं बढ़ रहा मानसून इधर, प्रदेश में मानसून की एंट्री 10 जून के बाद ही होने की संभावना है। मौसम विभाग की माने तो अभी मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा है। पिछले कुछ दिन से ये आगे नहीं बढ़ा है।
अब जानिए, 10 साल में कैसा रहा मौसम…
इस साल मई में टूटे रिकॉर्ड, गर्मी की बजाय आंधी-बारिश पूरे मई महीने में आंधी, बारिश और ओले वाला मौसम रहा। एक भी दिन ऐसा नहीं रहा, जब प्रदेश के किसी न किसी जिले में आंधी-बारिश न हुई हो। एमपी में ऐसा पहली बार हुआ। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर समेत कुल 53 जिले भीग गए। सिर्फ निवाड़ी ही ऐसा जिला रहा, जहां बूंदाबांदी तो हुई, लेकिन दर्ज नहीं हो सकी। दूसरी ओर, मई महीने में बारिश के कई रिकॉर्ड भी टूटे। इंदौर में 139 साल में सबसे ज्यादा 4.6 इंच पानी गिरा। वहीं, उज्जैन में सबसे ज्यादा बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना।
इससे पहले इंदौर में साल 1886 के मई महीने में 107.7 मिमी यानी, 4.2 इंच पानी गिरा था, जबकि इस बार 114.8 मिमी यानी, 4.6 इंच पानी गिर गया है। इस तरह 139 साल में इंदौर का रिकॉर्ड टूट गया है। उज्जैन में मई की बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना है। इस बार 111.8 मिमी यानी, 4.3 इंच से ज्यादा पानी गिरा है। साल 2021 में कुल मासिक बारिश 65 मिमी (2.5 इंच) हुई थी। इस हिसाब से उज्जैन में मई की बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना है।
दूसरी ओर, मई में अप्रैल जितनी गर्मी नहीं रही। अप्रैल में कई शहरों में तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया था। इस साल मई में प्रदेश के किसी भी शहर में दिन का तापमान 43 डिग्री तक भी नहीं पहुंचा। नौतपा में भी कम ही गर्मी रही। नौगांव, खजुराहो, टीकमगढ़, ग्वालियर, दमोह, शिवपुरी जैसे शहरों में ही पारा 40 डिग्री के पार पहुंचा। बाकी शहरों में इससे काफी नीचे रहा।
क्यों रहा ऐसा मौसम? मई में भीषण गर्मी की बजाय आंधी-बारिश होने के पीछे क्या वजह रही? इसके बारे में मौसम वैज्ञानिक डॉ. सुरेंद्रन ने जाना। उन्होंने बताया कि मई की शुरुआत से आखिरी तक प्रदेश में साइक्लोनिक सकुर्लेशन, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और ट्रफ की एक्टिविटी देखने को मिली। लगातार सिस्टम एक्टिव होते रहे। इस वजह से आंधी-बारिश का दौर भी चलता रहा। आखिरी दिन भी कुछ जिलों में मौसम बदला रहा।
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