नई दिल्ली
म्यूचुअल फंड के इन्वेस्टर्स के लिए जरूरी खबर है। मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने म्यूचुअल फंड के निवेशकों के लिए केवाईसी के नियमों में बदलाव किया है। म्यूचुअल फंड स्कीम्स के एक्सेस के लिए ये नियम बनाए गए हैं। नए नियम एक अप्रैल से लागू हो गए हैं। सेबी ने म्यूचुअल फंड के इन्वेस्टर्स के लिए नए सिरे से केवाईसी अनिवार्य किया है। ऐसे में निवेशकों के लिए अपने केवाईसी स्टेटस का पता करना जरूरी है। साथ ही यह समझना भी जरूरी है कि उनका मतलब क्या है ताकि वे बिना किसी झंझट के म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश कर सकें।
सेबी ने म्यूचुअल फंड के इन्वेस्टर्स के लिए पहले 31 मार्च की डेडलाइन तक की थी। उसका कहना था कि नए सिरे से केवाईसी नहीं करवाने वाले निवेशकों के म्यूचुअल फंड अकाउंट को ब्लॉक कर दिया जाएगा। लेकिन बाद में सेबी ने इसमें राहत दी थी और कहा कि फ्रेश केवाईसी नहीं कराने पर भी अकाउंट को ब्लॉक नहीं किया जाएगा। ऐसे निवेशकों के अकाउंट को होल्ड कर दिया जाएगा। फ्रेश केवाईसी होने पर म्यूचुअल फंड अकाउंट से होल्ड हट जाएगा। पुराने नियमों के मुताबिक केवाईसी कंप्लायंसेज वाले निवेशक आसानी से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते थे लेकिन नए नियमों के तहत निवेशकों को इसके लिए खास शर्तों को पूरा करना होगा।
म्यूचुअल फंड केवाईसी के प्रकार और उनका असर
म्यूचुअल फंड केवाईसी का स्टेटस और उनके असर अलग-अलग तरह के हैं। आपके केवाईसी का स्टेटस ऑन होल्ड, रजिस्टर्ड, वैलिडेटेड या रिजेक्टेड हो सकता है। केवाईसी के स्टेटस के साथ ही आपको यह भी पता चल जाएगा कि आपकी केवाईसी का चार्ज किस केवाईसी रजिस्टर्ड अथॉरिटी (केआरए) के पास है। अगर आपका केवाईसी वैलिडेटेड है तो इसका मतलब है कि आपके द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों को चेक किया जा चुका है। अगर आपकी केवाईसी का स्टेटस रिजेक्टेड या ऑन होल्ड है तो आपको नए सिरे से केवाईसी की जरूरत पड़ेगी।
केवाईसी वैलिडेटेड
अगर आपका केवाईसी स्टेटस वैलिडेटेड है तो इसका मतलब है कि आपने जो दस्तावेज सौंपे थे, उनकी सोर्स के साथ जांच की जा चुकी है। यानी उन्हें जारी करने वाली संस्था के साथ उन्हें चेक किया जा चुका है। अगर इन्फॉरमेशन में कोई बदलाव नहीं हुआ है तो आप आसानी से किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते हैं। अभी केवल पैन (PAN) और आधार को इस तरीके से वैलिडेट कर सकते हैं। इसलिए अगर आपने केवाईसी के लिए ये दस्तावेज दिए हैं तो आपका स्टेटस वैलिडेट होने की संभावना है। इससे आप मल्टीपल म्यूचुअल फंड कंपनियों में निवेश कर सकते हैं।
केवाईसी रजिस्टर्ड/वेरिफाइड
अगर आपका केवाईसी स्टेटस रजिस्टर्ड या वेरिफाइड दिखाता है तो इसका मतलब है कि आपने जो दस्तावेज दिए थे उन्हें सीधे तौर पर इश्यूंग अथॉरिटी से वेरिफाई नहीं किया जा सकता है। इसका मतलब है कि आप किसी भी म्यूचुअल फंड कंपनी में निवेश कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको हर बार जरूरी दस्तावेज देने होंगे। ये स्थिति उन लोगों के लिए जिन्होंने केवाईसी प्रोसेस में अपना पता और पहचान के लिए के लिए पैन या आधार के अलावा दूसरे दस्तावेज जैसे पासपोर्ट या वोटर आईडी कार्ड दिया है। ऐसे लोग अलग-अलग म्यूचुअल फंड स्कीमों में निवेश के लिए पैन या आधार देकर नए सिरे से केवाईसी प्रोसेस कर सकते हैं। इससे वे केवाईस वैलिडेटेड की कैटगरी में आ जाएंगे। हालांकि इससे उनके मौजूदा म्यूचुअल फंड निवेश पर कोई असर नहीं होगा।
केवाईसी होल्ड होने का मतलब है कि निवेशक के केवाईसी डॉक्यूमेंट्स, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी वेरिफाई नहीं हुआ है। इससे आप कई फाइनेंशियल सर्विसेज का लाभ नहीं उठा सकते हैं। इससे आपका मौजूदा एसआईपी भी प्रभावित हो सकता है। आप कोई नया निवेश नहीं कर सकते हैं और न ही पुराने निवेश को रिडीम कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में मौजूदा स्कीमों में ट्रांजैक्शन के लिए आपको अपना ईमेल और मोबाइल नंबर वैलिडेट कराना होगा। साथ ही उन्हें भविष्य में निवेश के लिए अतिरिक्त दस्तावेजों को जमा कराने से बचने के लिए नए सिरे से केवाईसी की प्रोसेस पूरी करनी होगी।
केवाईसी स्टेट ऑनलाइन ऐसे चेक करें
1- सबसे पहले https: //www.cvlkra.com/ पर विजिट करें।
2- केवाईसी इन्क्वायरी (KYC Inquiry) पर क्लिक करें।
3- इससे एक नया पेज खुलेगा। पैन और कैप्चा डालने के बाद सबमिट कीजिए। अब आपको केवाईसी के स्टेटस के बारे में पता चल जाएगा।
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