लखनऊ
उत्तर प्रदेश के संभल की हिंसा के बाद सियासी बयानबाजी और पोस्टरवार भी शुरू है। एक तरफ प्रशासन ने घटना में शामिल उपद्रवियों की तस्वीरें जारी की है। वहीं दूसरी तरफ सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर जारी कर पूछा है जिन्होंने बवाल शुरू किया और जो पहले पहल फसाद की वजह बने, उनकी तस्वीरें कब लगेंगी?
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार को संभल हिंसा को लेकर एक तस्वीर जारी की है जिसमें सुप्रीमकोर्ट के अधिवक्ता विष्णु जैन के साथ अन्य लोग भी दिख रहे हैं। उन्होंने लिखा कि जिन्होंने बवाल शुरू किया और जो पहले पहल फसाद की वजह बने, उनकी तस्वीरें कब लगेंगी?
दरअसल हिंसा के तीन दिन बाद बुधवार को पुलिस की ओर से जारी किए गए पोस्टरों में अधिकतर उपद्रवी अधिकतर नौजवान दिख रहे हैं। सभी मुंह बांधे हुए हैं। उनके हाथ में ईंट पत्थर भी नजर आ रहे हैं।
इसके अलावा कुछ वीडियो भी वायरल हो रहे हैं जिसमें महिलाएं पत्थर चलाती नजर आ रही है। हालांकि उनके पोस्टर जारी नहीं हुए हैं। बवाल के बाद पुलिस-प्रशासन के अधिकारी लगातार कार्रवाई को आगे बढ़ा रहे हैं। सांसद जियाउर्रहमान बर्क को भी 168 का नोटिस तामील कराया गया था। वीडियो, सीसीटीवी और ड्रोन फुटेज से आरोपियों को चिह्नित किया गया।
एसपी ने कहा कि किसी भी निर्दोष को डरने की जरूरत नहीं है लेकिन जो लोग उपद्रव में शामिल रहे हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। एसपी ने लोगों से उपद्रवियों की सूचना देने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी और उन्हें इनाम भी दिया जाएगा।
ज्ञात हो कि बीते रविवार को संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा मामले में चार लोगों की मौत हो गई और कई पुलिसवाले घायल हो गए। इसको लेकर पुलिस ने पत्थरबाजी करने वाले की पहचान की है और इस मामले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया है।
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