तेल अवीव जेद्दाह
क्या ईद से पहले पश्चिम एशिया यानी अरब देशों में चल रही जंग रिश्तों की मिठास में तब्दील होगी? इजरायल की ओर से गाजा पट्टी से सैनिकों को वापस बुलाए जाने के बाद यह सवाल उठ रहा है। अक्टूबर से जारी जंग को 6 महीने बीत चुके हैं और इजरायल ने अचानक ही दक्षिणी गाजा से सैनिकों को वापस बुला लिया। इजरायल के डिफेंस मिनिस्टर योआव गैलंट ने इसकी जानकारी दी थी और कहा था कि हमास राफा में हमला कर सकता है। ऐसे में उसकी तैयारी और भविष्य की तैयारियों के लिहाज से यह फैसला लिया गया है।
इजरायल का कहना है कि उसने दक्षिणी गाजा में अब बस एक ही ब्रिगेड को छोड़ा है। इस बीच एक उम्मीद की किरण भी जगी है क्योंकि इजरायल और हमास दोनों ने ही अपने एक प्रतिनिधिमंडल को मिस्र भेजा है ताकि नए दौर की वार्ता हो सके। इसी वजह से कहा जा रहा है कि ईद के मौके पर पश्चिम एशिया में मिठास घुल सकती है। इजरायल पर हमास ने 7 अक्टूबर को भीषण हमला कर दिया था, जिसमें 1200 लोग मारे गए थे। इसके अलावा करीब 250 लोगों को अगवा कर लिया गया था। इसके बाद से ही इजरायल की ओर से लगातार फिलिस्तीन के गाजा और पश्चिमी बैंक के भी एक हिस्से पर हमले किए जा रहे थे।
बेंजामिन नेतन्याहू सरकार की ओर से सैनिकों की वापसी के बाद अब खान यूनिस शहर में फिलिस्तीनियों की वापसी शुरू हो गई है। अब तक शेल्टर होम में ठहरे लाखों लोग अस्थायी आशियानों के लिए लौटने लगे हैं। लेकिन शहर पूरी तरह धूल धूसरित हो चुका है। हर तरफ मलबा है और कई जगहों पर तो सड़ती हुई लाशों की दुर्गंध तक आ रही है। दरअसल यही खान यूनिस शहर हमास के गाजा चीफ याहया सिनवार का गढ़ रहा है। कहा जाता है कि वह यहीं का रहने वाला था। इजरायल का कहना है कि 7 अक्टूबर के हमले का मास्टरमाइंड याहया सिनवार ही है।
हालांकि इजरायल का कहना है कि अब भी अहम मोर्चों पर उसकी सेनाएं तैनात रहेंगी। इस बीच जानकारों का कहना है कि अमेरिका की ओर से भी दबाव पड़ने के बाद इजरायल ने यह फैसला लिया है। वह यह संदेश नहीं देना चाहता था कि पूरी जंग में अकेला पड़ गया है। बता दें कि बेंजामिन नेतन्याहू ने भी नरम तेवर दिखाए हैं। सैनिकों की वापसी के बीच नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल डील के लिए तैयार है, लेकिन हम कोई सरेंडर नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमले में हमारे करीब 1200 लोग मारे गए थे। हम उसे भूल तो नहीं सकते। हालांकि उन्होंने मिस्र में होने वाली बात को लेकर कहा कि बंधकों की वापसी के बिना युद्ध विराम संभव नहीं है।
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