ढाका
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार के बीच अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय का नेतृत्व कर रहे चिन्मय प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया है. बांग्लादेश के इस्कॉन मंदिर की तरफ के बताया गया कि चिन्मय प्रभु को कथित तौर पर ढाका पुलिस की जासूसी शाखा के अधिकारियों ने ढाका हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया.
चिन्मय प्रभु ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में शुक्रवार को रंगपुर में एक विशाल विरोध रैली को संबोधित किया था.
बीएनपी की अगुवाई और सहयोग में कट्टरपंथी जमात ए इस्लामी खुलेआम इस्कॉन भक्तों की हत्या करने की धमकी दे रहा है। इसी क्रम में बांग्लादेश इस्कॉन के आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण प्रभु ने हिन्दुओं को बांग्लादेशी सरजमी की असली संतान करार दिया और आरोप लगाया कि सरकार हिन्दुओं को आपस में बांटने की साजिश रच रही हैं।
चिन्मय प्रभु शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर अपनी आवाज उठाते रहे हैं. शुक्रवार को ही उन्होंने रंगपुर में एक विशाल विरोध रैली को संबोधित किया था.
शेख हसीना के जाने के बाद से निशाने पर हैं बांग्लादेशी हिंदू
बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के कारण शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से वहां रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदू निशाने पर हैं. छात्र आंदोलन के दौरान हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया था. बांग्लादेश के खुलना, मेहरपुर स्थित इस्कॉन मंदिर को भी निशाना बनाया था.
इस हमले को लेकर चिन्मय प्रभु ने हिंदू मंदिरों की सुरक्षा पर गहरी चिंता जताई थी. उन्होंने तब आजतक से बातचीत में कहा था, 'चटगांव में तीन मंदिर खतरे में हैं, लेकिन हिंदू समुदाय ने मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों के साथ मिलकर अब तक उन्हें बचाया है.'
उन्होंने दावा किया था कि हिंदू समुदाय चटगांव में पुलिस और रैपिड एक्शन बटालियन से मदद के लिए अनुरोध कर रहा है लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा.
चिन्मय प्रभु ने कहा था, 'कई हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के रास्ते भारत भाग रहे हैं.'
सोशल मीडिया साइट एक्स पर ‘वॉयस ऑफ बांग्लादेशी हिन्दू’ ने एक पोस्ट किया। जिसके जरिए हैंडल ने चिन्मय कृष्ण प्रभु के बयान को कोट किया, “हम आर्य हैं, हम इस मिट्टी की सच्ची संतान हैं। इस देश को छोड़कर कहीं मत जाओ। वे हमें बांटने की कोशिश कर रहे हैं। एकजुट रहो, बंटे मत रहो।”
उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त को शेख हसीना वाजेद की सरकार के गिरने के साथ ही वहां पर बीएनपी की अगुवाई में इस्लामिक कट्टरपंथी सरकार बांग्लादेश की सत्ता में आती है। इसके साथ ही अल्पसंख्यकों के खिलाफ अचानक से कट्टरपंथियों के हमले बढ़ गए। हर दिन हिन्दुओं पर किसी न किसी तरह से हमले किए गए। जब इस्कॉन की अगुवाई में चिटगांव में हिन्दुओं ने रैली निकाली तो उसके अगले ही दिन बांग्लादेशी झंडे का अपमान करने का आरोप लगाते हुए इस्कॉन के अध्यक्ष चिन्मय कृष्ण दास समेत 19 लोगों के खिलाफ देश द्रोह का केस दर्ज कर लिया गया। हाल ही में इस्कॉन को बांग्लादेश में आतंकी करार दे दिया गया।
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