
श्रीनगर
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। उनके साथ पांच अन्य मंत्रियों ने भी मंत्रीपद की शपथ ली है। इस बीच, अवामी इत्तेहाद पार्टी के अध्यक्ष और सांसद शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद ने बुधवार को आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने के मामले में फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलीभगत की है। रशीद ने दावा किया कि पीएम मोदी ने यह कदम उठाने से पहले अब्दुल्ला परिवार से सलाह ली थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने घाटी में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) को फिर से सत्ता में लाने में मदद की।
मीडिया से बात करते हुए रशीद ने कहा, "उमर अब्दुल्ला राज्य के दर्जे, अनुच्छेद 370 और 35ए की बात करते हैं… उमर अब्दुल्ला 370 से भाग रहे हैं। जब पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाया, तो उससे 3 दिन पहले उन्होंने फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात की थी… मुलाकात के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कुछ भी नहीं हटने वाला था, लेकिन इसे हटा दिया गया और फारूक और उमर अब्दुल्ला को गेस्ट हाउस में रखा गया। ऐसा लगता है कि फारूक और उमर अब्दुल्ला इसमें शामिल थे।'' रशीद ने कहा, "पीएम मोदी ने उनसे सलाह-मशविरा करने के बाद अनुच्छेद 370 हटाया। यह सब मैच फिक्सिंग थी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि भाजपा ने एनसी को सत्ता में आने में मदद की।"
अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया। 2005 में, इंजीनियर राशिद को आतंकवादियों का समर्थन करने के आरोप में श्रीनगर में विशेष अभियान समूह (एसओजी) द्वारा गिरफ्तार किया गया था और तीन महीने और 17 दिनों तक हिरासत में रखा गया था। उन पर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के आरोप लगे और उन्हें कार्गो, हुमहामा और राज बाग जेलों में रखा गया। हालांकि, बाद में श्रीनगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मानवीय आधार पर उनके खिलाफ सभी आरोप हटा दिए। अगस्त 2019 में, राशिद को फिर से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया। अपनी कैद के दौरान, उन्होंने जेल से 2024 के संसदीय चुनावों के लिए अपना नामांकन दाखिल किया और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराकर 204,000 मतों के अंतर से जीत हासिल की।
सुरिंदर चौधरी को बनाया गया डिप्टी सीएम
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को पार्टी नेता सुरिंदर चौधरी को उप-मुख्यमंत्री चुना है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने नौशेरा से चौधरी को इस पद के लिए इसलिए चुना क्योंकि वह क्षेत्र को लोगों को प्रतिनिधित्व देने के साथ ही अपनी सरकार को समावेशी बनाना चाहते हैं। नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद पत्रकारों से कहा, ''हमारा प्रयास सभी को साथ लेकर चलना होगा।'' अब्दुल्ला के साथ पांच मंत्रियों – सकीना मसूद (इटू), जावेद डार, जावेद राणा, सुरिंदर चौधरी और सतीश शर्मा ने भी पद की शपथ ली। अब्दुल्ला ने कहा कि तीन पद खाली हैं और ''उन्हें भी धीरे धीरे भर दिया जाएगा।''
'जम्मू के लोग खुद को अलग-थलग महसूस न करें'
उन्होंने कहा कि चौधरी को उपमुख्यमंत्री के रूप में इसलिए चुना गया ताकि जम्मू के लोग खुद को सरकार से अलग थलग महसूस न करें। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर देते हुए बड़ी प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना को नौशेरा में चौधरी ने 7,819 मतों से हराया था। चौधरी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पूर्व नेता हैं। उन्होंने कहा, ''मैंने कहा था कि हम जम्मू को यह महसूस नहीं होने देंगे कि इस सरकार में उनकी आवाज नहीं है, उनका कोई प्रतिनिधि नहीं है। मैंने जम्मू से उपमुख्यमंत्री इसलिए चुना है ताकि जम्मू के लोगों को लगे कि यह सरकार जितनी बाकियों की है, उतनी ही उनकी भी है।''
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