
भोपाल
नक्सलियों से मुकाबला करने के लिए प्रदेश में तैनात अर्धसैनिक बलों पर प्रदेश की पुलिस 15 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी में हैं। विधानसभा चुनाव से पहले अर्धसैनिक बलों की सुविधाओं के लिए इंफ्रास्टक्चर डव्लप किया जाना है। जिसके तहत प्रदेश पुलिस की इंटेलीजेंस विंग सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के लिए यह खर्च करना चाहती है।
सूत्रों की मानी जाए तो प्रदेश पुलिस की विशेष शाखा ने शासन ने मांग की है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात अर्धसैनिक बलों की सुविधाओं के लिए इंफ्रास्टक्चर डव्लप किया जाना है। इसके लिए उसे केंद्र शासन से मिले सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) की राशि से 15 करोड़ रुपए दिए जाएं। दरसअल प्रदेश के बालाघाट, मंडला और डिंडौरी नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं। यहां पर पहले सीआरपीएफ की कंपनियां तैनात थी। इसके बाद इसी साल जनवरी में कोबरा बटालियन भी केंद्र से नक्सलियों से लोहा लेने के लिए मिली हैं।
ये बटालियन तैनात तो हो गई, लेकिन इनकी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इंफ्रास्टक्चर पूरी तरह से तैयार नहीं हो सका है। प्रदेश पुलिस इनको बेहतर सुविधाएं देना चाहती है, ताकि भविष्य में और कोबरा बटालियन इस क्षेत्र के लिए मिल सकें। इसके चलते वह जल्द से जल्द इन क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों के ठहरने, गश्त करने और उन्हें सुविधाएं देने के प्रयास कर रही है। चुनाव से पहले भी इस क्षेत्र में गश्त और तेज करनी है। वहीं केंद्र की सहायता से यहां पर 36 वीं बटालियन का विकास का काम भी चल रहा है।
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