ठाणे
महज 5 दिन के अपने ही मासूम बच्चे को बेचने के आरोप में पुलिस ने पैरेंट्स को गिरफ्तार किया है। इस मामले में कुल 6 लोगों को दबोचा गया है। नागपुर पुलिस का कहना है कि 1.10 लाख रुपये में एक संतानहीन दंपति को बच्चा बेचा गया था। ऐंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग स्क्वॉयड के ऑपरेशन के दौरान यह मामला संज्ञान में आया है। पुलिस का कहना है कि बच्चे को बेचने के मामले में पैरेंट्स, खरीदने वाले कपल के अलावा दो अन्य लोगों को भी पकड़ा गया है। ये दोनों लोग इस डील में बिचौलिये की भूमिका में थे। इस मामले की जांच में सामने आया है कि दंपति ने एक ऐसे कपल को बच्चा बेच दिया, जिनकी कोई संतान नहीं थी।
बच्चे को खरीदने वाले दंपति का कहना था कि वे कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं चाहते हैं। ऐसे में इससे बचने के लिए उन्होंने सीधे बच्चे का ही एक लाख रुपये में सौदा कर लिया। पुलिस ने इस मामले में बच्चे को बेचने वाले परिवार समेत खरीदने वाली दंपति को भी अरेस्ट कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुनील उर्फ दयाराम गेंदरे और उसकी पत्नी श्वेता के तौर पर हुई है। इन दोनों का बच्चा था, जिसे बेचा गया। इसके अलावा खरीदने वाले कपल के नाम पूर्णिमा शेल्के और पति धर्मदास शेल्के हैं। दोनों परिवार ठाणे जिले के ही बदलापुर के रहने वाले हैं।
इसके अलावा दो मध्यस्थों की पहचान किरण इंगले और उसके पति प्रमोद इंगले के तौर पर हुई है। पता चला है कि बच्चे को बेचने वाले सुनील और श्वेता गेंदरे को पैसों की चाहत थी। वहीं संतानहीन दंपति एक बच्चा चाहते थे। ऐसे में दोनों ने सौदा कर लिया। बच्चे को 22 अगस्त को बेचा गया था। शेल्के दंपति ने 1.10 लाख रुपये की रकम दी थी और बच्चे को ले गए थे। दोनों कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं चाहते थे। इस मामले की जानकारी जब पुलिस तक पहुंची तो उसने मानव तस्करी विरोधी टीम को ऐक्टिव किया। इस मामले में अब नागपुर पुलिस ने जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट के सेक्शन 75 और 81 के तहत मामला दर्ज किया है।
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