
चित्तौड़गढ़
जिले के गंगरार उपखंड क्षेत्र के सुवानियां गांव के राजकीय विद्यालय में मंगलवार दोपहर करीब 10 फीट लंबा मगरमच्छ घुस आया। सूचना मिलने पर वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। हालांकि स्कूल परिसर में दो से तीन फीट ऊंची घास होने के कारण अभियान में काफी दिक्कत आई। करीब दो से ढाई घंटे की मशक्कत के बाद मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़ा गया और बस्सी बांध में छोड़ दिया गया। गनीमत रही कि उस समय स्कूल में छुट्टी हो चुकी थी, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
जानकारी के अनुसार सुवानियां गांव के पास से बहने वाली बेड़च नदी से यह मगरमच्छ गांव तक पहुंच गया था। दोपहर बाद ग्रामीणों ने इसे स्कूल में देखा तो तुरंत सरपंच गोपाललाल गाडरी ने उपवन संरक्षक राहुल झांझड़िया को सूचना दी। निर्देश पर नाथू सिंह के नेतृत्व में वन विभाग की टीम और वन्यजीव प्रेमी मौके पर पहुंचे। संयुक्त टीम ने निरीक्षण किया तो पता चला कि मगरमच्छ स्कूल भवन की बजाय मैदान की तरफ घास में छिपा बैठा है।
रेस्क्यू टीम के सदस्य दीवार पर चढ़कर निगरानी कर रहे थे, तभी मगरमच्छ दिखाई दिया। टीम को देखते ही वह हमला करने की स्थिति में आ गया। बड़ी सावधानी से उसे पकड़ा गया और देर शाम बस्सी बांध में छोड़ा गया।
वन्यजीव प्रेमी मनीष तिवारी ने बताया कि मगरमच्छ घास में फंस जाने के कारण बाहर नहीं निकल पाया। यदि वह छिपा रह जाता तो अगले दिन बच्चों या स्टाफ के लिए बड़ा खतरा बन सकता था। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी बेड़च नदी से मगरमच्छ निकलकर सुवानियां गांव में आ चुके हैं। करीब एक माह पहले यहां से दो मगरमच्छ रेस्क्यू किए गए थे।
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