गाजा
भारत में आतंकवाद की फसलें उगाने वाला पाकिस्तान अब गाज़ा के नाम पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घड़ियाली आंसू बहा रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बोलते हुए पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा, “गाज़ा से उठती चीखों को अब और चुप्पी से नहीं दबाया जा सकता… इतिहास हमें माफ नहीं करेगा।”
पाकिस्तानी राजनयिक असीम इफ्तिखार ने इस दौरान फिलिस्तीन मुद्दे पर तत्काल संघर्षविराम, बंधकों की रिहाई, मानवीय राहत और निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि दुनिया को अब एक और दिन की निष्क्रियता का बोझ नहीं उठाना चाहिए।
पाकिस्तान का दोहरा चरित्र
यह वही पाकिस्तान है जो खुद भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित करता रहा है, और अब गाज़ा के बहाने मानवाधिकारों का झंडा उठाकर अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि सुधारने की असफल कोशिश में लगा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में अगले महीने प्रस्तावित दो-राज्य समाधान पर सम्मेलन से पहले पाकिस्तान इस मुद्दे को गरमाने की कोशिश कर रहा है।
यूएनएससी में क्या बोला पाक
उन्होंने कहा, "इतिहास हमें माफ नहीं करेगा।" अपने भावुक संबोधन में असीम इफ्तिखार ने कहा कि गाजा में फिलीस्तीनियों का कत्लेआम, भूख और तबाही जारी है और दुनिया मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने कहा, "गाज़ा की चीखें अब खामोशी से नहीं दबाई जा सकतीं। दुनिया अब और एक दिन की चुप्पी भी बर्दाश्त नहीं कर सकती।" उन्होंने सुरक्षा परिषद से अपील की कि अब वक्त आ गया है कि निष्क्रियता की जगह कार्रवाई की जाए।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा जून में इज़रायल-फिलिस्तीन विवाद को लेकर 'टू-स्टेट सॉल्यूशन' पर एक विशेष सम्मेलन आयोजित करने जा रही है। इसी के मद्देनज़र पाकिस्तान ने यह अपील की है कि UNSC अब और चुप न बैठे और ठोस कदम उठाए। यह बयान ऐसे समय आया है जब गाज़ा में इज़रायली सैन्य कार्रवाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय आलोचना तेज होती जा रही है और क्षेत्र में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं।

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