नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकवादी हमलों के पीछे सामान्य आतंकवादी नहीं हैं बल्कि ये पाकिस्तानी सेना के पूर्व जवान भी हो सकते हैं। खुफिया विभाग के अधिकारियों ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए हैरान करने वाली बातें बताई हैं। जिस तरह से आतंकवादी अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि पाकिस्तानी सेना इनकी पूरी मदद करती है और इन्हें प्रशिक्षण भी देती है। आतंकियों के पास एम-4 यूएस कार्बाइन, चीनी स्टील कोर बुलेट और अन्य आधुनिक हथियार उपलब्ध हैं।
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि 20 अप्रैल 2023 में पुंछ में सेना के ट्रक पर आतंकियों ने हमला किया था। तब पहली बार आतंकियों ने चीनी स्टील कोर बुलेट और एम4 कार्बाइन का इस्तेमाल किया था। इस हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे। उन्होंने कहा, हम पुष्टि तो नहीं कर सकते लेकिन आतंकियों में पाकिस्तानी सेना के पूर्व जवानों के शामिल होने की पूरी आशंका है। जिस तरह से वे गुरिल्ला तकनीक का इस्तेमाल करते हैं और सेना के जवानों को निशाना बनाते हैं उससे स्पष्ट है कि ये आतंकी अच्छी तरह प्रशिक्षित करके भेजे गए हैं।
उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि या तो वे पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड जवान हं या फिर गुरिल्ला युद्ध के लिए तैयार किए गए आतंकी। घने जंगलों में आतंकियों के पास अत्याधुनिक हथियार होने की वजह से उनका मुकाबला करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बता दें कि एम4 कार्बाइन अमेरिका ने 1980 में विकसित की थी। यह एम16ए2 का छोटा वर्जन है। अमेरिकी सेना इसका इस्तेमाल करती थी।
चीनी स्टील कोर बुलेट मेटल जैकेट से बनी होती है। यह गोली बहुत ही शार्प होती है और लगने के बाद जान बचने की संभावना कम रहती है। पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा, जम्मू-कश्मीर में हालात बेहद गंभीर हैं और चिंता का विषय हैं। पाकिस्तान की सेना या फिर पूर्व जवानों से इन आतंकियों को पूरी मदद मिल रही है। वहीं जम्मू-कश्मीर के स्थानीय आतंकी भी इनका साथ देते हैं। बहुत सारे आतंकी पहले से ही घुसपैठ करके जम्मू-कश्मीर में अपना ठिकाना बना चुके हैं।
जानकारी मिली है कि अफगानिस्तान में अमेरिका की सेना जो हथियार छोड़ गई है उनका इस्तेमाल अब जम्मू-कश्मीर में हो रहा है। पाकिस्तान के रास्ते ये हथियार जम्मू-कश्मीर में सप्लाई किए जा रहे हैं। पीर पंजाल के जंगलों में आतंकियों ने ठिकाना बना लिया है और राजौरी, पुंछ सेक्टर में वे अकसर हमले करते हैं। बता दें कि आतंकियों का सफाया करने के लिए सेना ने 3 हजार अतिरिक्त जवान उतार दिए हैं।
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