नई दिल्ली
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभापति को निष्पक्ष होना चाहिए. सभापति राजनीति से परे होते हैं. उन्होंने पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया है. खरगे ने आगे कहा कि आज सदन में चर्चा कम और राजनीति ज्यादा हो रही है. उनके आचरण से देश की गरिमा को नुकसान पहुंचा है.
कांग्रेस प्रमुख ने आज बुधवार को कहा कि साल 1952 के बाद से अब तक अनुच्छेद 67 के तहत कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया क्योंकि उपराष्ट्रपति कभी राजनीति में शामिल होते नहीं दिखते थे. उन्होंने कहा कि राज्यसभा में नियमों पर राजनीति को प्राथमिकता दी गई. सभापति ने हमारे साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया है.
उपराष्ट्रपति धनखड़ पर बड़ा हमला करते हुए कांग्रेस प्रमुख खरगे ने कहा कि राज्यसभा में व्यवधान की सबसे बड़ी वजह खुद सभापति ही हैं, वह सरकार के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे हैं.
राज्यसभा में सदन के उपनेता खरगे ने कहा कि राज्यसभा के सभापति का आचरण पद की गरिमा के उलट ही रहा है. वह विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हैं और सरकार की प्रशंसा करते नजर आते हैं. उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सभापति स्कूल के हेडमास्टर की तरह काम करते हैं. वह अनुभवी विपक्षी नेताओं को उपदेश देते हैं, यही नहीं उन्हें बोलने से रोकते भी हैं.
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