जबलपुर
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सड़क सुरक्षा और जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया है. मध्य प्रदेश के वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व (पूर्व में नौरादेही अभयारण्य) से गुजरने वाले नेशनल हाइवे पर भारत की पहली 'टेबल-टॉप रेड मार्किंग' की गई है. दुबई के फेमस शेख जायद रोड की तर्ज पर NHAI ने हाईवे के 2 किलोमीटर लंबे घाट पर सड़क की सतह को चमकीले लाल रंग में बदल दिया है.
खतरे वाले क्षेत्र में सड़क के ऊपर 5 मिमी मोटी, गर्म करके लगाई गई थर्मोप्लास्टिक की लाल सतह की परत बिछाई गई है. चमकीला लाल रंग वाहन चलाने वालों को तुरंत सचेत करता है कि वे गति-प्रतिबंधित और वन्यजीव-संवेदनशील गलियारे में प्रवेश कर रहे हैं.
इसकी हल्की उभरी हुई सतह से वाहन चालक को स्पर्श और ध्वनि का संकेत मिलता है, जिससे वह बिना झटके या अचानक ब्रेक लगाए स्वाभाविक रूप से गति कम कर लेता है.
वन्यजीवों और इंसानों के लिए 'सुरक्षा कवच'
यह पहल पर्यावरण और विकास के बीच संतुलन का बेहतरीन उदाहरण है.
पारंपरिक रंबल स्ट्रिप के मुकाबले यह कम शोर करती है, जिससे जंगल के जानवरों को कम परेशानी होती है.
1.96 किलोमीटर के हिस्से में 25 समर्पित अंडरपास बनाए गए हैं ताकि जानवर सुरक्षित रूप से सड़क के नीचे से गुजर सकें.
हाइवे के दोनों ओर ऊंची बाड़ लगाई गई है ताकि जानवर सीधे सड़क पर न आएं और अंडरपास का उपयोग करें.
पुलों पर लगे कैमरे वन्यजीवों की गतिविधियों पर नजर रखते हैं.
NHAI की यह परियोजना यह साबित करती है कि आधुनिक इंजीनियरिंग के माध्यम से मानव जीवन और वन्यजीवों को एक साथ सुरक्षित रखा जा सकता है. यहां 'लाल सड़कें' खतरे का नहीं, बल्कि सुरक्षा और हरित इरादे का प्रतीक हैं.
NHAI ने एक ऐसा समाधान पेश किया है जो हादसों को कम करके मानव जीवन बचाता है, वन्यजीवों को वाहनों की टक्कर से बचाता है, वन के इको-सिस्टम की अखंडता को संरक्षित करता है और सड़क से गुजरने वालों लिए सुगम, आरामदायक और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करता है.

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