
लखनऊ
यूपी के सभी 75 जिलों में एक साथ सीएम योगी के आदेश पर एक बड़ा अभियान शुरू हुआ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर और केजीएमयू में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में बटन दबाकर 75 जिलों में एक साथ स्वास्थ्य शिविरों की शुरुआत की. खास बात यह रही कि इन शिविरों का केंद्रबिंदु महिलाएं और बच्चे है.
75 जिलों में एक साथ 20,000 से अधिक स्वास्थ्य शिविर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि पूरे प्रदेश के 75 जनपदों में कुल 20,324 स्वास्थ्य शिविरों की शुरुआत की गई है. इन शिविरों में रक्तचाप, मधुमेह, रक्त जांच, एनीमिया, ओरल कैंसर, स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और टीबी जैसी गंभीर बीमारियों की निःशुल्क जांच की जाएगी. यह सिर्फ जांच तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उपचार और परामर्श की सुविधाएं भी वहीं पर उपलब्ध कराई जाएंगी. कार्यक्रम के दौरान यह भी घोषणा हुई कि पूरे अभियान के अंतर्गत 507 रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस अभियान का हिस्सा बनें और रक्तदान कर किसी की जान बचाने के पुण्य से जुड़ें.
मातृ-शिशु स्वास्थ्य पर जोर
न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक योगी ने कहा कि यह अभियान खासतौर से गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व देखभाल, बच्चों के टीकाकरण और कुपोषण दूर करने पर केंद्रित है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की कोशिश है कि किसी भी गर्भवती महिला या बच्चे को समय पर इलाज और देखभाल से वंचित न रहना पड़े. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बच्चों को गोद में लेकर अन्नप्राशन संस्कार कराया, गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की और स्वयं पोषाहार वितरण भी किया. यह दृश्य कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा, जहां मुख्यमंत्री ने मातृत्व और बचपन के सम्मान को अपनी संवेदनाओं से जोड़ा.
आंगनबाड़ी बहनों के लिए बड़ी सौगात
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए मानदेय वृद्धि और स्मार्ट फोन वितरण की घोषणा की. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी बहनों ने कोरोना काल से लेकर पोषण अभियान तक जिस समर्पण से काम किया है, वह काबिल-ए-तारीफ है. उनकी मेहनत और सेवा का सम्मान करते हुए सरकार ने उनके मानदेय में वृद्धि करने और हर कार्यकर्ता को स्मार्ट फोन देने का निर्णय लिया है. योगी ने कहा कि इससे न केवल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की कार्यकुशलता बढ़ेगी, बल्कि समय पर मानदेय और प्रशिक्षण से वे और आत्मनिर्भर बनेंगी.
महिलाओं के सशक्तिकरण पर फोकस
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, मातृ वंदना योजना, कन्या सुमंगला और नारी शक्ति वंदन अधिनियम जैसे कदम आज के भारत को एक नई पहचान दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि यूपी सरकार ने पिछले 8 वर्षों में बेटियों की निशुल्क शिक्षा से लेकर कन्या सुमंगला योजना के तहत 25,000 रुपये का पैकेज, और सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत हर बेटी की शादी पर 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है. सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश की 1.89 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों और 10 लाख महिला स्वयं-सहायता समूहों की मदद से 1 करोड़ से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी हैं. वहीं THR प्लांट्स से जुड़ी 60,000 महिलाएं प्रतिमाह लगभग 8,000 रुपये की आय अर्जित कर रही हैं.
स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव
सीएम योगी ने बताया कि पिछले आठ सालों में प्रदेश में 41 नए मेडिकल कॉलेज बने हैं. हाल ही में अमेठी में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन इसका उदाहरण है. उन्होंने कहा कि शिशु मृत्यु दर 45 से घटकर 37 और मातृ मृत्यु दर 141 तक आ गई है. उन्होंने आंकड़े साझा करते हुए बताया कि एनीमिया के स्तर में 5.1% सुधार, स्टंटिंग में 6.6% सुधार, अल्पवजन में 7.4% सुधार, और कुपोषण में 0.6% सुधार दर्ज किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब नीयत साफ और नीति स्पष्ट हो, तो परिणाम आने में देर नहीं लगती.
इंसेफेलाइटिस पर विजय
सीएम योगी ने बड़ी उपलब्धि गिनाते हुए कहा कि प्रदेश से इंसेफेलाइटिस पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है. यह वही बीमारी है जिसने 40 सालों में 50,000 से अधिक मासूम बच्चों की जान ले ली थी. अब सरकार का ध्यान मलेरिया, डेंगू, कालाजार और टीबी उन्मूलन पर केंद्रित है.
सामुदायिक प्रयासों को मिली सराहना
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिला स्वयं-सहायता समूहों की भूमिका को सराहा. उन्होंने कहा कि 10 लाख ग्रामीण और 1 लाख शहरी महिला समूहों ने लगभग 1 करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम योगदान दिया है. योगी ने रक्तदान शिविरों और पोषण पोटली वितरण जैसे सामुदायिक प्रयासों की भी तारीफ की और कहा कि यही सहयोग उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर और सशक्त राज्य बनाएगा.
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