
बरेली
जिले की 61 सुहागिनों ने महिला कल्याण विभाग की व्यवस्था में सेंध लगा दी। वे छह साल से विधवा पेंशन लेती रहीं और जिम्मेदार सोते रहे। कई मामलों में एक ही परिवार की कई सुहागिनें योजना का लाभ लेती रहीं। आलमपुर जाफराबाद ब्लॉक के गांव भीमपुर में जेठानी-देवरानी भी विधवा पेंशन ले रही हैं, जबकि दोनों सुहागिन हैं। यह स्थिति तब है, जबकि हर साल सत्यापन की व्यवस्था है। मामला खुलने के बाद अब उनसे वसूली के लिए नोटिस जारी हुए हैं। 26 महिलाओं से रिकवरी भी कर ली गई है। इसके बावजूद विभाग मामले को दबाने में जुटा है। फिलहाल, जिले में 97 हजार लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल रहा है।
हाल ही में आंवला तहसील के गांवों में विधवा पेंशन ले रहीं 27 सुहागिनों के नाम आरसी जारी हुई है। वर्ष 2023 में भी इसी तहसील की 34 सुहागिनों को आरसी जारी हुई थी। कुल 61 अपात्र महिलाओं से 23.86 लाख रुपये पेंशन राशि की वसूली के लिए कार्रवाई शुरू की गई है। एक-एक लाभार्थियों से 14 से 69 हजार रुपये तक की वसूली होनी है। फिलहाल, इस घोटाले ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक योजना में बिचौलिये हावी हैं। जिम्मेदार भी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। यह रिकवरी तो बानगी मात्र है, जिले में विधवा पेंशन योजना में कई करोड़ रुपये अपात्रों को जारी हुए हैं।
डीपीओ बोलीं, 26 से करा चुके वसूली
जिला प्रोबेशन अधिकारी मोनिका राणा ने 15 मई को डीएम को पत्र लिखा था। इस पर तहसीलदार आंवला को अपात्रों से रिकवरी के आदेश जारी हुए हैं। डीपीओ ने हाल ही में निदेशालय से डांट पड़ने का हवाला देते हुए इस संबंध में जानकारी देने से इन्कार कर दिया। उन्होंने एडीएम के पूछने पर इतना जरूर कहा कि 46 अपात्र महिलाओं को आरसी जारी की है। इनमें 26 से वसूली भी हो गई है। आरसी की धनराशि के बारे भी नहीं बताया।
जेठानी ने कहा- दलाल ने लिए थे तीन हजार रुपये
आलमपुर जाफराबाद ब्लॉक के गांव भीमपुर की परवीन और सुनीता देवरानी-जेठानी हैं। दोनों के पति जीवित हैं और वे छह साल से विधवा पेंशन ले रही थीं। दोनों को 69-69 हजार रुपये की आरसी जारी हुई है। परवीन ने बताया, उनके पास आंवला के कुछ दलाल आए थे। उन्होंने महामाया पेंशन बनवाने के लिए उनसे कागज और तीन हजार रुपये लिए थे। जब खाते में पेंशन आई तो पहली किस्त की धनराशि भी ले ली थी। आरसी मिलने से परेशान परवीन ने कहा, वह 69 हजार रुपये कहां से अदा कर पाएंगी। उनके पति मुनेश मजदूरी करते हैं। भीमपुर के प्रधान श्रीपाल सिंह ने बताया कि उनके गांव में करीब 25 महिलाओं को विधवा पेंशन मिलती है, लेकिन परवीन व सुनीता की पेंशन किसी अन्य ब्लॉक से बनी है। ब्लॉक से मिली लिस्ट में इनके नाम नहीं हैं।
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