
मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अभी भी आम सहमति नहीं बन पाई है। महायुति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अलावा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल हैं। फिलहाल गठबंधन सहयोगी वर्तमान में आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर बातचीत कर रहे हैं।
रिपोर्ट में अज्ञात सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि भाजपा लगभग 140 से 150 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जबकि शिवसेना 80 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, और एनसीपी 55 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। तीन सीटें छोटे सहयोगियों के लिए रखी गई हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में कराए जा सकते हैं। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीनों दलों के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की और आगामी विधानसभा चुनाव में तीनों को सम्मानजनक संख्या में सीटें देने का वादा किया। अमित शाह ने उनसे सार्वजनिक टकराव से बचने और एकजुट होकर काम करने को भी कहा। एचटी ने पहले बताया था कि भाजपा 150 से 160 सीटों पर चुनाव लड़ने पर अड़ी हुई है। ऐसा होने पर, अन्य दो दलों के लिए केवल 128 से 138 सीटें ही बचेंगी, जो कि शिवसेना और एनसीपी के लिए अस्वीकार्य मानी जा रही हैं। इस गठबंधन का मुकाबला महा विकास अघाड़ी (MVA) से होगा, जो कि कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और शरद पवार के एनसीपी गुट से बना एक विपक्षी गठबंधन है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में, महा विकास अघाड़ी ने महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 30 सीटें जीतीं, जबकि महायुति ने 17 सीटें हासिल कीं।
1 सितंबर को भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा था, ‘‘महायुति में सीटों के बंटवारे पर बातचीत 10 दिन में पूरी हो जाएगी। हमने फैसला लिया है कि सीटों को जीतने की संभावना के आधार पर आवंटित किया जाएगा। हम अपने सहयोगियों के लिए कुछ सीटें छोड़ेंगे। प्रत्येक दल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा, यह महत्वपूर्ण नहीं है। डबल इंजन की सरकार बनाना महत्त्वपूर्ण होगा ताकि यह सुनिश्चित हो कि कल्याणकारी योजनाएं जारी रहें।’’
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