भोपाल
मध्य प्रदेश के 55 जिलों की 428 तहसीलों में लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए 15 नवंबर से राजस्व महा अभियान 3.0 शुरू होने जा रहा है। यह अभियान 15 दिसंबर तक चलेगा। इसमें सबसे बड़ी चुनौती नामांतरण के विवादों का निपटारा है। 428 तहसीलों में कुल दो लाख 31 हजार 595 नामांतरण के प्रकरण अब भी लंबित हैं।
राजस्व न्यायालयों में मामलों के लंबित रहने की वजह से हो रहे विवादों को रोकना प्रशासन की बड़ी चुनौती रही है। राजस्व मामलों के समय सीमा में निपटारे का प्रयास विफल रहने के बाद सरकार ने महा अभियान शुरू कराए थे।
15 जनवरी से चला था पहला महा अभियान
इस साल पहला महा अभियान 15 जनवरी से 15 मार्च तक चला था। इसमें 30 लाख राजस्व मामलों का निपटारा हुआ। दूसरा महा अभियान 18 जुलाई से 31 अगस्त तक चला था। उस बार 50 लाख राजस्व मामलों का निपटारा हुआ। इन दोनों अभियानों में दो लाख 71 हजार 636 नामांतरण के मामलों का निराकरण हुआ।
पिछले दो महा अभियानों की सफलता के बाद मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने राजस्व महा अभियान 3.0 शुरू करने का निर्देश दिया था। अब सभी जिलों के कलेक्टर और संभागायुक्तों को अभियान चलाकर लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं।
अब तक 18 लाख नामांतरणों का निराकरण
प्रदेश की 428 तहसीलों में अब तक 18 लाख 95 हजार 239 नामांतरण के प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया जा चुका है। दरअसल, साइबर तहसीलों के गठन के बाद से नामांतरण की प्रक्रिया सरल हो गई है, जिसका यह परिणाम है कि अब 15 दिन में ही अधिकांश प्रकरण निराकृत हो जाते हैं। इनमें अविवादित सबसे अधिक 18 लाख 20 हजार 271 और विवादित कुल 74 हजार 968 प्रकरण शामिल हैं।
मध्य प्रदेश की तहसीलों में नामांतरण के मामलों की स्थिति
अविवादित नामांतरण
कुल मामले – 20,46,635
जिनका समाधान हो गया – 18,20,271
लंबित मामले – 2,26,364
विवादित नामांतरण
कुल मामले – 80,199
जिनका समाधान हो गया – 74,968
लंबित मामले – 5,231
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