
लखनऊ
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्य ने जाति जनगणना का झूठा श्रेय लेने के लिए कांग्रेस, सपा और राजद की आलोचना की। केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए लिखा, "परिवादी तिकड़ी में जकड़ी कांग्रेस, सपा और राजद तीनों जाति जनगणना का श्रेय लेने का झूठमूठ का हल्ला मचा रहे हैं। दस साल पहले यूपीए शासनकाल में राजद नेता लालू प्रसाद यादव और सपा नेता मुलायम सिंह यादव यानी दो यादव परिवार कांग्रेस के शाही परिवार की मजबूत बैसाखी बनकर केंद्र की सत्ता में अपना हिसाब-किताब साफ कर रहे थे। कांग्रेस दोनों को जांच एजेंसियों का ख़ौफ़ दिखा रही थी। आय से अधिक संपत्ति के संगीन मामले थे। अमेरिका से परमाणु समझौता कराने में भी सपा की कथित भूमिका थी। जाति जनगणना की पैरोकारी तब केवल छलावा भर थी। अब जाति जनगणना का झूठा श्रेय लेकर ख़ुशी में पटाखा फोड़कर अपनी जग हंसाई करा रहे हैं।
उन्होंने आगे लिखा कि इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश की कमान संभालने के बाद दबी-कुचली जातियों को एक नई चेतना मिली है। जाति जनगणना से उनको सबको हर स्तर पर अपना हक मिलेगा और देश भी मजबूत बनेगा।
पिछले कुछ सालों से जाति जनगणना भारतीय राजनीति के प्रमुख मुद्दों में एक रही है। कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने जाति जनगणना को लोकसभा के चुनाव में भी प्रमुख मुद्दे की तरह पेश किया था। अब केंद्र सरकार ने भी जातिगत जनगणना कराने की घोषणा कर दी है। बुधवार को राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने इस बारे में घोषणा दी है। इसके साथ ही यह पहली बार होगा जब आजाद भारत में जातिगत जनगणना कराई जाएगी। इससे पहले जाति सर्वेक्षण कराए गए हैं। बिहार समेत कुछ राज्यों ने भी जाति सर्वेक्षण कराए हैं। केंद्र सरकार द्वारा जाति जनगणना कराने के फैसले के लिए भारतीय राजनीति में यह मामला एक बार फिर सतह पर आ गया है और कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों इसका श्रेय लेने में जुट गए हैं।
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