
नई दिल्ली
केंद्रीय कैबिनेट ने बैठक में छह बड़े फैसले किए हैं. कैबिनेट ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी. इससे भारतीय रेलवे का मौजूदा नेटवर्क लगभग 574 किलोमीटर बढ़ जाएगा. इसके अलावा, नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NCDC) का बजट 2,000 करोड़ रुपये बढ़ाया गया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना के लिए 6,520 करोड़ रुपये दिए गए. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक ब्रीफिंग में इन फैसलों की जानकारी दी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों और रेलवे से जुड़ी कई बड़ी घोषणाएं की गईं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और अन्य मंत्रियों ने बताया कि कुल छह अहम फैसलों को मंजूरी दी गई, जिनका सीधा असर देश के किसानों, कोऑपरेटिव संस्थाओं और रेलवे नेटवर्क पर पड़ेगा। कैबिनेट ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) को 2000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। इस योजना से देश के 94 प्रतिशत किसान वर्ग को लाभ मिलेगा। इसके तहत 2025-26 से लेकर 2028-29 तक के लिए यह सहयोग जारी रहेगा। सरकार का लक्ष्य है कि इससे सहकारी संस्थाएं और अधिक मजबूत होकर किसानों की आय बढ़ाने में भूमिका निभाएं। केंद्र सरकार ने 'पीएम संपदा योजना' के बजट में ₹6520 करोड़ की बढ़ोतरी की
मोदी सरकार ने PMKSY के लिए कुल 6520 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी है, जिसमें 1920 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि शामिल है। इस योजना के अंतर्गत:
1000 करोड़ रुपये से खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं और विकिरण इकाइयों की स्थापना की जाएगी।
100 NABL मान्यता प्राप्त फूड टेस्टिंग लैब्स और 50 फूड इरिडेशन यूनिट्स स्थापित की जाएंगी।
अन्य घटक योजनाओं के लिए 920 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि फूड प्रोसेसिंग सेक्टर का एक्सपोर्ट 11 वर्षों में दोगुना होकर 5 बिलियन डॉलर से बढ़कर 11 बिलियन डॉलर पहुंच चुका है।
कैबिनेट ने इटारसी से नागपुर तक चौथी रेलवे लाइन बिछाने को मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट से इस महत्वपूर्ण रेल रूट की क्षमता और स्पीड दोनों बढ़ेगी।
वर्तमान में तीसरी लाइन पर काम चल रहा है, और अब चौथी लाइन का रास्ता भी साफ हो गया है।
सरकार ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड के 13 जिलों में फैली चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं के जरिए भारतीय रेलवे का नेटवर्क लगभग 574 किलोमीटर तक विस्तारित किया जाएगा, जिससे यात्रियों और माल ढुलाई दोनों को लाभ होगा।
इटारसी-नागपुर के बीच चौथी रेलवे लाइव बनाने को मंजूरी दी गई. इस प्रोजेक्ट की लागत 5,451 करोड़ रुपये होगी. अलुबाड़ी रोड-न्यू जलपाईगुड़ी के बीच तीसरी और चौथी लाइन को भी कैबिनेट अप्रूवल दे दिया गया है. छत्रपति संभाजीनगर-परभणी के बीच 177 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन की डबलिंग के लिए 2,179 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. केंद्रीय कैबिनेट ने डोंगापोसी से जरोली के बीच तीसरी और चौथी लाइन के प्रोजेक्ट (1,752 करोड़ रुपये) को भी मंजूरी दी.
कैबिनेट में टोटल 6 फैसले हुए हैं :
1. राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को सशक्त बनाना – ₹2,000 करोड़
2. प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना को सशक्त बनाना – ₹6,520 करोड़
3. इटारसी – नागपुर चौथी रेलवे लाइन – ₹5,451 करोड़
4. अलुबाड़ी रोड – न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी रेलवे लाइन – ₹1,786 करोड़
5. छत्रपति संभाजीनगर – परभणी रेलवे लाइन दोहरीकरण – ₹2,179 करोड़
6. डांगोआपोसी – जारोली तीसरी और चौथी रेलवे लाइन – ₹1,752 करोड़
भारतीय रेलवे का मौजूदा नेटवर्क लगभग 574 किलोमीटर बढ़ जाएगा
कैबिनेट ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है। इन परियोजनाओं से भारतीय रेलवे का मौजूदा नेटवर्क लगभग 574 किलोमीटर बढ़ जाएगा
इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 11,169 करोड़ रुपये (लगभग) है और ये 2028-29 तक पूरी हो जाएँगी
इन परियोजनाओं से निर्माण के दौरान लगभग 229 लाख मानव दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित होगा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज रेल मंत्रालय की 4 (चार) परियोजनाओं को मंज़ूरी दे दी है, जिनकी कुल लागत लगभग 11,169 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं में शामिल हैं
(1) इटारसी-नागपुर चौथी लाइन
(2) औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर)-परभणी दोहरीकरण
(3) अलुआबाड़ी रोड-न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन
(4) डांगोआपोसी-जरोली तीसरी और चौथी लाइन
बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए तैयार हैं। ये परियोजनाएँ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी के नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र के लोगों को व्यापक विकास के माध्यम से "आत्मनिर्भर" बनाएगा और उनके रोज़गार/स्वरोज़गार के अवसरों को बढ़ाएगा।
ये परियोजनाएँ पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत बनाई गई हैं, जिनका उद्देश्य एकीकृत योजना और हितधारकों के परामर्श के माध्यम से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाना है। ये परियोजनाएँ लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली ये 4 परियोजनाएँ भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 574 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी।
प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना लगभग 2,309 गाँवों तक कनेक्टिविटी बढ़ाएगी, जिनकी आबादी लगभग 43.60 लाख है।
ये कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम उत्पादों आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 95.91 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) का अतिरिक्त माल यातायात होगा। रेलवे, पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन माध्यम होने के कारण, जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (16 करोड़ लीटर) कम करने और CO2 उत्सर्जन (515 करोड़ किलोग्राम) कम करने में मदद करेगा, जो 20 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
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