
- इजरायली सेना ने ईरानी आर्मी के नए चीफ ऑफ स्टाफ अली शादमानी को भी मारने का किया दावा
- मोसाद का खौफ … ईरानी सेना के कमांडरों को स्मार्ट फोन नहीं रखने का ऑर्डर
- इजरायली हमलों से काँपा तेहरान, हर ओर अफरा-तफरी और लंबी कतारें, जानिए जमीनी हालात
तेहरान/तेल अवीव
इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने मंगलवार को ईरान के सशस्त्र बलों के नवनियुक्त चीफ ऑफ स्टाफ और वरिष्ठ सैन्य कमांडरों में से एक अली शादमानी को भी मार गिराने का दावा किया है. इजरायली सुरक्षा बल ने दावा किया कि उसने पांच दिनों में दूसरी बार ईरान के युद्धकालीन चीफ ऑफ स्टाफ को ढेर कर दिया है. शादमानी ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के सबसे करीबी सैन्य सलाहकार थे.
IDF ने शादमानी की मौत के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इजरायली एयरफोर्स (IAF) द्वारा सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात तेहरान के सेंट्रल इलाके में किए गए हमलों में शादमानी मारा गया है. यह हमला IDF की खुफिया शाखा द्वारा प्राप्त सटीक जानकारी के आधार पर किया गया था.
IDF के अनुसार, शादमानी ईरान की सशस्त्र सेनाओं के इमरजेंसी कमांड और खातम अल-अनबिया मुख्यालय के कमांडर थे जो इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) और ईरानी सेना दोनों का नेतृत्व करते थे. वह इजरायल के खिलाफ ईरान की युद्ध प्लान को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे. 13 जून को इजरायली सुरक्षा बलों को ऑपरेशन राइजिंग लायन के शुरुआती हमले में पूर्ववर्ती मेजर जनरल गोलाम अली रशिद की मौत के बाद उन्हें ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्ति गया गया था. शादमानी का उन्मूलन ईरान की सैन्य कमान संरचना के लिए एक और गंभीर झटका है जो पहले से ही इजरायली हमलों से कमजोर हो चुकी है.
इजरायल वॉर रूम ने ईरानी आर्मी ऑफ चीफ स्टाफ के मौत के बारे में जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा, तेहरान में रात भर चले हमले में, इजरायली लड़ाकू विमानों ने अली शादमानी को मार गिराया है जो ईरान के सशस्त्र बलों की इमरजेंसी कमान के प्रमुख और शासन में सबसे वरिष्ठ सैन्य व्यक्ति थे.
मारे गए ईरानी सैन्य अधिकारी
इजरायली सैन्य कार्रवाई में अब तक ईरान के कई वरिष्ठ कमांडर मारे गए हैं, जिसमें मोहम्मद हसन बाकरी, सालेम अली रशीद, अली शाहमानी, मोहम्मद अली रजा तबातबाई, इस्माइल काउथारी, अली शद्राकी, हसन सुलैमी, दाऊद बकरी और दाऊद शिहायान शामिल है.
आपको बता दें कि ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष 13 जून से शुरू हुआ, जब इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत ईरान की राजधानी तेहरान समेत नतांज और फोर्डो जैसे सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए. इसके जवाब में ईरान ने 13 जून की आधी रात को ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस के तहत इजरायल के तेल अवीव, हाइफा और कई अन्य शहरों पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. इस हमले में इजरायल में एक व्यक्ति की मौत और कई लोग घायल हुए, जबकि ईरान में सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों समेत कई लोगों के मारे जाने की खबर है.
मोसाद का खौफ … ईरानी सेना के कमांडरों को स्मार्ट फोन नहीं रखने का ऑर्डर
ईरान में एक के बाद एक सीनियर मोस्ट सैन्य कमांडर मारे जा रहे हैं. इस वजह से वहां अधिकारियों को अपने पास स्मार्ट फोन नहीं रखने को कहा गया है. वहीं मोसाद का दावा है कि उनके असेट्स इतने मजबूती से ईरान में जड़ जमा चुके हैं कि लाख कोशिश के बाद भी कोई उनकी पहुंच से नहीं बच सकता.
इजरायल डिफेंस फोर्स ( IDF) ने मंगलवार को ईरानी खतम अल-अनबिया मुख्यालय के कमांडर मेजर जनरल अली शादेमानी को मार गिराया. उन्होंने शुक्रवार को हुए इजरायली स्ट्राइक में मारे पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ गुलाम अली राशिद की जगह ली थी.
ईरान के नए चीफ ऑफ स्टाफ भी मारे गए
यरुशलम टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अली शादेमानी वर्तमान में ईरान के चीफ ऑफर स्टाफ और सबसे वरिष्ठ सैन्य कमांडर थे. आईडीएफ ने उन्हें ईरानी सर्वोच्च नेता अली खामेनेई का सबसे करीबी व्यक्ति बताया है.
सैन्य अधिकारियों को मोबाइल फोन नहीं रखने के निर्देश
ईरान में एक के बाद एक मारे जा रहे वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के मारे जाने के बाद ईरान ने शीर्ष अधिकारियों को अपने पास सेलफोन या स्मार्ट फोन नहीं रखने का निर्देश दिया है. ताकि वे इस डर से बच सकें कि कहीं इज़राइल उन्हें ट्रैक न कर ले.
ईरान में मोसाद के मजबूत असेट्स का फैला है जाल
वहीं इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मोसाद और आईडीएफ पिछले शुक्रवार को युद्ध शुरू करने से पहले से शीर्ष ईरानी कमांडरों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अन्य दूसरे तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. आईडीएफ और मोसाद के पास शीर्ष ईरानी कमांडरों को मारना जारी रखने के लिए पर्याप्त खुफिया असेट्स और स्ट्रेटजी हैं, चाहे वे कहीं भी छिपे हों और खुद को कैसे छिपाने की कोशिश करते हों.
नए सैन्य कमांडरों की भी जा रही जान
ईरान के नए खतम अल-अनबिया मुख्यालय कमांडर नियुक्त किए जाने से पहले, शादेमानी, जो अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी थे, सभी आपातकालीन राष्ट्रीय रक्षा अभियानों के उप प्रमुख और सैन्य अभियानों के प्रमुख थे.
इजरायली हमलों से काँपा तेहरान, हर ओर अफरा-तफरी और लंबी कतारें, जानिए जमीनी हालात
इजरायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष ने अब आम नागरिकों की जिंदगी को हिला कर रख दिया है. तेहरान में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. इस बीच इस बीच ट्रंप ने अपने पोस्ट में तेहरान के लोगों को तुरंत शहर खाली करने की सलाह दी है.
बीबीसी न्यूज के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में ईरान की राजधानी तेहरान से भारी संख्या में लोगों के पलायन की तस्वीरें सामने आई हैं.पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी कतारें लगी हैं और प्रमुख सड़कों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है. राजधानी छोड़कर लोग उत्तर दिशा की ओर, खासतौर पर कैस्पियन सागर की तरफ जाने वाले रास्तों पर निकल रहे हैं, जिससे वहां वाहनों की भारी भीड़ देखी जा रही है. हालात अफरा-तफरी के हैं.
'तेहरान तुरंत खाली करें'
सोमवार को इज़रायली सेना ने तेहरान के नागरिकों को तत्काल शहर खाली करने की चेतावनी जारी की. सेना ने कहाथा कि आने वाले घंटों में इजरायली सेना तेहरान में ईरानी शासन के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाएगी, जैसे बीते कुछ दिनों में कर रही है.तेहरान के सआदत आबाद जैसे पॉश इलाकों पर हाल ही में हमले हुए हैं. एक ईरान के नागरिक ने CNN को बताया कि रात भर धमाके होते रहे. कुछ इतने तेज थे कि पूरी बिल्डिंग हिल गई. धुएं से पूरा इलाका भर गया और लोग बच्चों को लेकर बेसमेंट में भागे.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक,ईरान की राजधानी तेहरान के हजारों निवासी अपने घर छोड़कर भाग रहे हैं और जरूरी सामान जमा कर रहे हैं.
राजधानी तैयार नहीं युद्ध के लिए
CNN की रिपोर्ट बताती है कि तेहरान में आधुनिक बम शेल्टर नहीं हैं. लोग ईरान-इराक युद्ध के दौर के पुराने तहखानों और सुरंगों में शरण ले रहे हैं. सिटी काउंसिल के चेयरमैन मेहदी चमरान ने कहा कि तेहरान में कोई नया शेल्टर नहीं बना. जरूरत पड़ी तो मेट्रो को भी बंद कर शरण स्थल की तरह इस्तेमाल करना पड़ेगा.
रोजमर्रा की जिंदगी पर असर
हालांकि शहर के सुपरमार्केट्स में सामान अब भी मिल रहा है और कुछ कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं, लेकिन पेट्रोल सीमित कर दिया गया है एक ग्राहक को अधिकतम 25 लीटर ही दिया जा रहा है. कई ATM से कैश निकासी पर भी पाबंदी है.तेहरान के अलावा, दक्षिण-मध्य ईरान का शहर शिराज भी संकट में है. वहां लोग ईंधन, पानी, और डाइपर जैसे जरूरी सामान स्टॉक कर रहे हैं. कई परिवार जरूरी सामानों से भरी कारों में बैठकर ग्रामीण इलाकों की ओर भाग रहे हैं.
रात का सन्नाटा और छाई हुई मायूसी
तेहरान की सड़कों पर रात होते ही सन्नाटा छा जाता है. दुकानें बंद पड़ी हैं और जो लोग शहर में रुके हैं, वे भी काम पर जाने से कतरा रहे हैं.इस पूरे हालात की जड़ में इज़रायल द्वारा ईरान के नतांज और इस्फहान में स्थित परमाणु और सैन्य ठिकानों पर किए गए हवाई हमले हैं। इन हमलों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता और तनाव को और बढ़ा दिया है.
ईरान के कई टॉप मिलिट्री अफसर मारे गए, अब सेना और आईआरजीसी की कमान कौन संभाल रहा? देखें लिस्ट
मारे गए टॉप मिलिटरी अफसरों की सूची
इजराइल के हमलों में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मारे गए हैं. नीचे दी गई सूची IDF के डेटा पर आधारित है…
अली शमखानी (Ali Shamkhani) ...सुप्रीम कमांडर के सलाहकार और परमाणु परियोजना के लिए जिम्मेदार. अली शमखानी ईरान की परमाणु नीति और सुरक्षा रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे. उनके मारे जाने से परमाणु कार्यक्रम पर असर पड़ा है.
मोहम्मद बघेरी (Mohammad Bagheri) … सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ. बघेरी ईरान की सेना के शीर्ष कमांडर थे और उनके निधन से सेना का नेतृत्व प्रभावित हुआ.
घोलम-अली रशिद (Gholam-Ali Rashid) ... आपातकालीन जवाबी मुख्यालय के प्रमुख. रशिद आपातकालीन स्थिति से निपटने में महत्वपूर्ण थे. उनके जाने से संकट प्रबंधन कमजोर हुआ.
घोलम-अल महाब (Gholam-Al Mahab) ... खुफिया विभाग के प्रमुख. खुफिया जानकारी जुटाने में उनकी भूमिका थी, जिसके नष्ट होने से ईरान की जासूसी क्षमता प्रभावित हुई.
मोहम्मद पकपुर (Mohammad Pakpour) … इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के ग्राउंड फोर्स कमांडर. पकपुर IRGC की जमीन पर लड़ाई की रणनीति संभालते थे. उनके निधन से IRGC की ताकत कम हुई.
हसैन सलामी (Hossein Salami) …. IRGC के कमांडर-इन-चीफ. सलामी IRGC के सर्वोच्च नेता थे, और उनके मारे जाने से संगठन का नेतृत्व पूरी तरह प्रभावित हुआ.
एस्माइल कानी (Esmail Qaani)… IRGC की कुद्स फोर्स के कमांडर. कुद्स फोर्स विदेशी मिशनों को संभालती थी. कानी के निधन से ईरान की क्षेत्रीय शक्ति कमजोर हुई.
अमीर अली हाजिजादेह (Amir Ali Hajizadeh) ... IRGC एयर फोर्स कमांडर. हाजिजादेह मिसाइल और हवाई हमलों की जिम्मेदारी संभालते थे. उनके मारे जाने से हवाई रक्षा कमजोर पड़ी.
अमीर मूसवी (Amir Mousavi) … ईरानी सेना के कमांडर. मूसवी ईरान की नियमित सेना के प्रमुख थे. उनके निधन से सेना का संचालन प्रभावित हुआ.
ताहिर पुर (Tahir Pur)... IRGC ग्राउंड फोर्स का कमांडर. उनके मारे जाने से IRGC की ग्राउंड फोर्स पर असर पड़ा.
दाऊद शियान (Daoud Shiyan) ... वायु सेना कमांडर. शियान वायु सेना के प्रमुख थे. उनके निधन से हवाई लड़ाई की क्षमता प्रभावित हुई.
मोहम्मद बघेरी (Mohammad Bageri) ... नौसेना से सतह तक के कमांडर. बघेरी नौसैनिक संचालन संभालते थे. उनके मारे जाने से समुद्री रक्षा कमजोर हुई.
अलिफेजा तंगसिरी (Alireza Tangsiri)… IRGC नेवी के कमांडर. तंगसिरी IRGC की नौसेना का नेतृत्व करते थे. उनके निधन से समुद्री सुरक्षा प्रभावित हुई.
अली शदमानी (Ali Shadmani) … आपातकालीन जवाबी मुख्यालय के नए प्रमुख. घोलम-अली रशिद की जगह शदमानी को कमान सौंपी गई है. लेकिन इजरायन ने पुख्ता किया है कि शदमानी को भी मार दिया गया.
अब सेना और आईआरजीसी की कमान कौन संभाल रहा है?
इन शीर्ष अधिकारियों के मारे जाने के बाद ईरान ने नए नेताओं को कमान सौंपी है. हालांकि, यह बदलाव जल्दबाजी में किया गया है, जिससे सेना और IRGC में समन्वय की कमी देखी जा रही है. नीचे दिए गए नाम नए कमांडर हैं…
अब्दुलरहिम मूसवी (Abdolrahim Mousavi) … नए चीफ ऑफ स्टाफ (सशस्त्र बलों के प्रमुख). मूसवी को मोहम्मद बघेरी की जगह नियुक्त किया गया है. वह ईरान-इराक युद्ध के अनुभवी हैं.
IRGC ग्राउंड फोर्स का नया कमांडर... मोहम्मद पकपुर और ताहिर पुर के बाद एक नया कमांडर नियुक्त किया गया है, लेकिन उसका नाम अभी स्पष्ट नहीं है.
कुद्स फोर्स कमांडर... एस्माइल कानी के बाद नया कमांडर नियुक्त किया गया है, लेकिन जानकारी सीमित है.
एयर फोर्स कमांडर... IRGC एयर फोर्स का नया कमांडर. अमीर अली हाजिजादेह की जगह नया कमांडर नियुक्त हुआ है, लेकिन उसका नाम अभी सामने नहीं आया.
नेवी कमांडर …. IRGC नेवी का नया कमांडर. अलिफेजा तंगसिरी की जगह नया कमांडर नियुक्त किया गया है.
ईरान की स्थिति और प्रभाव
इन हमलों से ईरान की सैन्य शक्ति को गहरा धक्का लगा है. IRGC और सेना के शीर्ष नेतृत्व के नष्ट होने से कमान और नियंत्रण में भ्रम पैदा हो गया है. इजराइल के लगातार हमलों ने ईरान को जवाबी कार्रवाई के लिए कमजोर कर दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि नए कमांडरों को स्थिति संभालने में समय लगेगा. इस बीच ईरान की रक्षा क्षमता और प्रभावित हो सकती है.
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