
तेल अवीव
मिडिल ईस्ट में लगातार गहराते जा रहे संकट के बीच इजरायली सेना आईडीएफ (IDF) ने हिजबुल्लाह के कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले किए. आईडीएफ का कहना है कि उन्होंने दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के कई ठिकानों पर रातभर ताबड़तोड़ हमले कर उन्हें नष्ट कर दिया.
हिजबुल्लाह के ठिकानों पर इजरायल का ये हमला ईरान और लेबान की धमकियों के बीच हुआ है. दरअसल हमास लीडर इस्माइल हानिया की ईरान में की गई हत्या के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव चरम पर है. ईरान ने इजरायल से हानिया की मौत का बदला लेने का ऐलान किया था.
राजधानी तेहरान में 31 जुलाई को हुए हमास के मुखिया इस्माइल हानिया के कत्ल से गुस्साए ईरान ने इजरायल को सबक सिखाने की धमकी दी थी और अब ये माना जा रहा है कि ईरान किसी भी वक्त जंग का मोर्चा खोल सकता है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटी ब्लिंकन ने भी ईरान और हिजबुल्लाह की इन धमकियों के मद्देनजर कहा था कि इजरायल पर ये देश कभी भी हमला कर सकते हैं. लेकिन ईरान और लेबनान की धमकियों को दरकिनार कर इजरायल ने हिजबुल्लाह के कई ठिकाने नेस्तनाबूद कर दिए हैं.
ईरान और लेबनान क्यों हैं खफा?
इन धमकियों के मद्देनजर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि ईरान और उसके गुर्गे हमें आतंकवाद के शिकंजे में जकड़ना चाहते हैं. हम हर मोर्चे पर और हर क्षेत्र में चाहे निकट हो या दूर उनके खिलाफ खड़े होने के लिए दृढ़ हैं.
दरअसल, पिछले सप्ताह ईरान की राजधानी तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के बाद तनाव बढ़ गया है. इस घटना से एक दिन पहले लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के शीर्ष सैन्य कमांडर फउद शुकर की हत्या कर दी गई थी. हानिया, गाजा में हमास का चीफ था और वो ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने तेहरान गया था.
इधर, हिजबुल्लाह ने भी इजरायल को टारगेट बनाना शुरू कर दिया था. हिजबुल्लाह ने बीते शनिवार को इजरायल पर करीब 50 रॉकेट दागे थे. हालांकि इजरायल के आयरन डोम ने इस हमले को नाकाम कर दिया था.
ईरान और हिजबुल्लाह की ओर से बदला लिए जाने का ऐलान करने पर मिडिल ईस्ट में बड़े स्तर युद्ध की आशंका बढ़ गई है. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए इमरजेंसी मीटिंग की थी. पेंटागन ने आगे की स्थिति को रोकने के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त सैन्य बलों की तैनाती का ऐलान किया है.
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