
भोपाल
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की गुटबाजी एक बार फिर सुर्खियों में है. 2020 में सरकार गिरने का जख्म अभी तक भरा नहीं है और 2025 में भी पार्टी के अंदर आपसी मतभेद फिर से सामने आ गए हैं. हाल ही में अनूपपुर में आयोजित कांग्रेस कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के समर्थकों ने उन्हें आगामी मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया, लेकिन सिंघार ने मुस्कुराते हुए कहा, '2028 अभी दूर है', जिससे पार्टी की अंदरूनी खींचतान और उजागर हो गई.
जबकि दूसरी ओर ओबीसी नेता कमलेश्वर पटेल ने संगठन सृजन अभियान पर सवाल उठाते हुए प्रदेश अध्यक्ष और संगठन प्रभारी पर समन्वय न बना पाने के आरोप लगाए हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस का ये अभियान गुटबाजी को खत्म करने में नाकाम रहा है?
दरअसल, अनूपपुर में आयोजित कांग्रेस कार्यक्रम में उमंग सिंघार के समर्थकों ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने की कोशिश की. हालांकि, सिंघार ने साफ किया कि 2028 का चुनाव अभी दूर है, लेकिन ये बयान पार्टी के अंदर सत्ता की होड़ को दिखाता है. प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और उमंग सिंघार के बीच पहले भी मतभेद की खबरें रही हैं, और ये नाराजगी अब खुलकर सामने आ रही है.
ओबीसी वर्ग के प्रभावशाली नेता कमलेश्वर पटेल ने नई जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर असंतोष जताया. उन्होंने आरोप लगाया कि संगठन में निर्णय कुछ चुनिंदा नेताओं के इशारे पर हो रहे हैं. पटेल ने कहा, 'प्रदेश अध्यक्ष और संगठन प्रभारी का काम पार्टी में समन्वय बनाना है, न कि खुद पार्टी बनना.'
नई पीढ़ी में भी मतभेद
गुटबाजी नई पीढ़ी तक सीमित नहीं है. पिछले महीने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच सोशल मीडिया पर तीखी नोकझोंक देखने को मिली थी. दिग्विजय ने कमलनाथ पर 2020 में सरकार गिरने का आरोप लगाया, जिसमें उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया की मांग पूरी न करने की बात कही.
वहीं, कमलनाथ ने दिग्विजय को ही जिम्मेदार ठहराया. बाद में दोनों ने रिश्तों की गरिमा बनाए रखने के लिए मुलाकात की और तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं, लेकिन यह कदम गुटबाजी की गहराई को छिपा नहीं पाया.
BJP ने साधा निशाना
कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान पर भाजपा ने तीखा हमला बोला है. सरकार में मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा, “कांग्रेस संगठन कमजोर हो चुका है. नेता आपस में झगड़ रहे हैं और मुख्यमंत्री बनने का दावा कर रहे हैं. सरकार बनना तो दूर, जनता ने उन्हें दो अंकों में भी जगह नहीं दी. कांग्रेस को मध्य प्रदेश की जनता पूरी तरह नकार चुकी है और उसकी हालत दिन-ब-दिन बद से बदतर होती जा रही है.”
क्या है संगठन सृजन अभियान
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में पार्टी को फिर से सक्रिय करने और चुनाव तौर पर मजबूत बनाने, नए नेता को आगे लाने और बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने लिए संगठन सृजन अभियान शुरू किया है. खासकर 2023 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद मध्य प्रदेश में इस अभियान की शुरुआत की गई.
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