इंदौर
रात्रि गश्त और क्षेत्र में भ्रमण का बोलकर होटल या अपने ठिकानों पर जाने वाले पुलिसकर्मियों की निगरानी शुरू हो गई है। पुलिस आयुक्त ने सभी थानों के चार पहिया वाहनों पर ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाने के निर्देश दिए है।
जोन-2 के छह वाहनों पर इसका ट्रायल चल रहा है। डीसीपी जोन-2 अभिनय विश्वकर्मा के मुताबिक जीपीएस का उद्देश्य गश्त को ज्यादा प्रभावी बनाना है। कईं बार पुलिसकर्मी क्षेत्र में भ्रमण करने में लापरवाही करते है।
एक स्थान पर घंटों खड़ी रहती है गाड़ी
कईं बार एक ही स्थान पर घंटों तक गाड़ी खड़ी रहती है। जीपीएस से डेशबोर्ड पर गाड़ी की लोकेशन देखी जाएगी। गश्त करने वाला पुलिस अधिकारी कहां-कहां गया इसकी पूरी रिपोर्ट अफसरों को मिलेगी। गाड़ी कितने किलोमीटर और कितने समय चली इसका ब्योरा भी मिलेगा।
गश्त करने का दावा किया जाता है
इससे गड़बड़ी करने वाले पुलिसकर्मियों को चिह्नित करने में सुविधा होगी। डीसीपी के मुताबिक कईं बार वारदात होने पर पुलिसकर्मियों द्वारा विधिवत गश्त करने का दावा किया जाता है। जीपीएस के माध्यम से फ्लैश बैक में जाकर गश्त करने वाले वाहन की लोकेशन निकाल सकते हैं।
6 वाहनों पर प्रयोग शुरू
ट्रायल के तौर पर छह वाहनों पर प्रयोग शुरू किया है। इस दौरान कुछ वाहन दूसरे थाना क्षेत्र में जाना पाए गए है। पुलिसकर्मियों द्वारा बताया गया कि वो गश्त के दौरान मुलजिमों को ढूंढने गए थे।
पुलिसकर्मियों पर एआई से निगरानी कर रहे डीसीपी
डीसीपी के मुताबिक इसके पूर्व जोन-2 में एआई के माध्यम से पुलिसकर्मियों की निगरानी की जा रही है। रात्रि गश्त करने वाले पुलिसकर्मियों से फोटो सहित लोकेशन ली जाती है। इससे पुलिसकर्मी की उपस्थिति सुनिश्चित होती है। गश्त में गलत लोकेशन देने वाले पुलिसकर्मियों को चिह्नित कर लिया जाता है।
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