नई दिल्ली
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा को बताया कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI के क्षेत्र में स्किल्स के मामले में दुनिया के सबसे अच्छे देशों में शामिल है। उन्होंने स्टैनफोर्ड AI इंडेक्स रिपोर्ट 2025 का हवाला देते हुए कहा कि भारत AI प्रतिभा को अपनी ओर खींचने में पूरी दुनिया में पहले नंबर पर है। हर साल भारत में AI से जुड़ी नौकरियों में करीब 33% की बढ़ोतरी हो रही है। साल 2016 से अब तक भारत में AI प्रतिभा की संख्या तीन गुना से ज्यादा हो गई है। सरकार का मानना है कि AI से भारत मजबूत बनेगा और हर क्षेत्र में फायदा होगा।
सरकार की एआई को लेकर प्लानिंग
ANI की रिपोर्ट (Ref.) के मुताबिक, मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत सरकार इस बात को अच्छी तरह समझती है कि जैसे-जैसे अलग-अलग क्षेत्र में AI का इस्तेमाल होगा, वैसे-वैसे अधिक स्किल वाले लोगों की जरूरत होगी। सरकार अपनी AI योजनाओं को इसी दिशा में बना रही है। दुनिया भर की रिपोर्ट्स भी भारत के AI कर्मचारियों की तारीफ कर रही हैं।
2027 तक दोगुना होगा एआई टैलेंट बेस
अनुमान है कि भारत में AI का टैलेंट बेस 2027 तक दोगुने से ज्यादा हो जाएगा। हर साल करीब 15 प्रतिशत की दर से यह बढ़ोतरी होगी। भारत के AI एक्सपर्ट्स की बढ़ती संख्या का असर दुनिया भर में दिख रहा है। गिटहब पर AI प्रोजेक्ट्स में भारत का योगदान 2024 में दूसरा सबसे बड़ा था, जो कुल प्रोजेक्ट्स का 19.9 प्रतिशत था। इससे साफ पता चलता है कि भारत के AI डेवलपर्स कितने मजबूत हैं।
भारत का IndiaAI मिशन
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये आंकड़े भारत सरकार के बड़े स्तर पर AI कौशल, रिसर्च और नवाचार पर ध्यान देने का नतीजा हैं। IndiaAI मिशन के तहत सरकार कई बड़े कदम उठा रही है। इसमें 500 पीएचडी विद्वानों, 5,000 पोस्टग्रेजुएट और 8,000 ग्रेजुएट छात्रों को AI से जुड़े काम के लिए मदद दी जा रही है। छोटे शहरों में 27 IndiaAI डेटा और AI लैब्स बनाए गए हैं, जहां डेटा तैयार करने करने जैसे कोर्स चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा, 174 आईटीआई और पॉलिटेक्निक में भी ऐसे लैब्स बनाए जा रहे हैं। ये सब काम दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों में हो रहा है ताकि हर जगह के युवाओं को मौका मिले।
2030 तक 1 करोड़ लोग एआई से जुड़े का करेंगे
सरकार नासकॉम के साथ मिलकर युवाओं को AI, बिग डेटा और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी नई स्किल्स की ट्रेनिंग दे रही है। ये कोर्स राष्ट्रीय कौशल मानकों से जुड़े हैं। प्लेटफॉर्म पर 500 से ज्यादा कोर्स हैं। अब तक 16 लाख से ज्यादा लोग इन कोर्स में नामांकन कर चुके हैं या ट्रेनिंग ले चुके हैं। इसके अलावा एक फ्री नेशनल कोर्स 'युवा AI फॉर ऑल' शुरू किया गया है, जो हर किसी को AI की बेसिक जानकारी देता है। नासकॉम की रिपोर्ट कहती है कि भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कौशल वाला टैलेंट पूल है। साल 2030 तक भारत 80 से 100 लाख लोगों को AI से जुड़े कामों के लिए तैयार कर सकता है।

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