भारत की वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी एयर फोर्स, US से मिला F 16 V का ऑफर, जानें ताकत

वॉशिंगटन
 भारत की वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी एयर फोर्स में शामिल है, लेकिन अपने प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले इसके बेड़े में विमानों की कमी की बात हमेशा उठती रही है। दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका के साथ प्रगाढ़ होते रिश्तों के बावजूद भारतीय वायु सेना के बेड़े में कोई भी अमेरिकी लड़ाकू जहाज नहीं है। वहीं, भारत को अपना कट्टर दुश्मन मानने वाले पाकिस्तान के पास अमेरिकी एफ-16 लड़ाकू विमानों का बेड़ा है। हालांकि, भारत को अमेरिका से इन विमानों को खरदीने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन नई दिल्ली ने खुद ही अमेरिकी विमानों से दूरी बनाए रखी है। लेकिन अब एक बार अमेरिकी दिग्गज लॉकहीड मार्टिन अपना F-16V ब्लॉक 70/72 भारतीय वायु सेना को ऑफर कर रहा है।
एफ-16वी अत्याधुनिक तकनीक से लैस

लॉकहीड मार्टिन एफ-16वी को भारतीय वायु सेना के विमान टेंडर के लिए प्रमुख दावेदार के रूप में पेश कर रहा है। एफ-16 के ब्लॉक 70/72 वैरिएंट लेटेस्ट को लॉकहीड मार्टिन ने टेक्नोलॉजी से अपग्रेड किया है। फाइटर जेट में एएन/एपीजी-83 AESA रडार लगा हुआ है, जिसे पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान में इस्तेमाल किया जाता है। यह इसकी लक्ष्य पर निशाना लगाने की क्षमता को बढ़ाता है। अमेरिकी विमान वाइपर शील्ड इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से लैस है जो इसे मजबूत सर्वाइवल पैकेज देता है।

भारत को प्रोडक्शन हब बनाने की योजना

लॉकहीड मार्टिन भारत को F-16V के लिए एक संभावित प्रोडक्शन और निर्यात केंद्र के रूप में देख रहा है। लॉकहीड मार्टिन भारतीय वायु सेना से 100 से अधिक फाइटर जेट के ऑर्डर की उम्मीद लगा रही है। इसके साथ ही कंपनी को भारत से निर्यात की भी उम्मीद है, जिससे भारत ग्लोबल फाइटर जेट बाजार में प्रमुख खिलाड़ी के रूप में सामने आ सकता है। लॉकहीड मार्टिन एशियाई बाजार में फाइटर जेट की सप्लाई के लिए भारत को बेस बनाने की योजना को लेकर चल रही है।

ऐसे समय में जब भारतीय वायु सेना मीडियम मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट के लिए अपने विकल्प का मूल्यांकन कर रही है, तो एफ16वी एक आकर्षक प्रस्ताव पेश करता है। अपने बढ़िया ट्रैक रिकॉर्ड, उन्नत क्षमताओं और संभावित निर्यात के अवसरों के साथ यह विमान प्रतिस्पर्धा में एक महत्वपूर्ण दावेदार बनने की स्थिति में है।

इंडियन एयरफोर्स मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) की जरूरत है. इसके तहत 114 फाइटर जेट्स खरीदने की योजना है. इसकी वजह से दुनिया तीन बड़ी कंपनियां कड़ी प्रतियोगिता में हैं. जिसमें डैसो राफेल, बोईंग F-15EX और लॉकहीड मार्टिन का F-16 फाइटर जेट प्रमुख हैं.

आज जानते हैं F-16 के बारे में     

  •      लॉकहीड मार्टिन कंपनी भारतीय वायुसेना के मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) के लिए अपने सबसे बेहतरीन फाइटर जेट F-16V Block 70/72 को पेश कर रही है. इस फाइटर जेट की ताकत के बारे में पूरी दुनिया जानती है. इस फाइटर जेट का ये वैरिएंट अत्याधुनिक, सटीक और घातक है         
  • इसमें लगा AN/APG-83 AESA राडार दुश्मन टारगेट को पहचानने, पीछा करने और दुश्मन के हमलों से खुद को बचाने में माहिर है. इसके अलावा इसमें वाइपर शील्ड इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम लगा है.         
  • F-16 फाइटर जेट दुनिया के सबसे बेहतरीन एयरक्राफ्ट में से एक है. 48 सालों से कई देशों का भरोसेमंद फाइटर जेट है ये. अब तक करीब 4604 विमान बनाए गए हैं. इस प्लेन को एक पायलट उड़ाता है.                
  • 49.3 फीट लंबे प्लेन में एक बार में 3200 kg फ्यूल आता है. यह करीब 2500 km प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है. पूरे हथियारों के साथ इसकी कॉम्बैट रेंज 546 km है. इसे सुपर वाइपर भी बुलाया जाता है.           
  • इसमें एक 20 मिमी की रोटरी कैनन लगी है. जो प्रतिमिनट 511 राउंड फायर करती है. इसके अलावा इसमें 2 एयर-टू-एयर मिसाइल, 6 अंडर विंग, 3 अंडर फ्यूसलेज पाइलॉन बम लगाए जा सकते हैं.
  • इसके अलावा 4 रॉकेट या 6 हवा से हवा, हवा से सतह या हवा से शिप पर मार करने वाली मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. या फिर इनका मिश्रण. इसमें आठ बम भी लगाए जा सकते हैं.