
झुंझनू.
दरगाह में बने अवैध मकान को तोड़ने का नोटिस मिलने के बाद पूर्व सभापति खालिद हुसैन ने कार्रवाई से बचने का नया हथकंडा अपनाया और भाजपा में शामिल हो गए। दरअसल यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी खालिद को इस तरह के नोटिस मिल चुके हैं लेकिन हर बार केवल खानापूर्ति के लिए पाबंद करने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।
धर्म की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले खुद ही धर्म के नाम की जमीन को हड़पने में लगे हुए हैं। 2012 से लगातार अवैध अतिक्रमण की शिकायतों के बाद खालिद को नोटिस तो हर बार दिया जाता है लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल पाबंद करके मामला रफा-दफा कर दिया जाता है। इस बार नोटिस मिलने के बाद खालिद ने नया पैंतरा आजमाया और भाजपा में शामिल हो गए। अब देखने वाली बात है कि भजनलाल सरकार जो कि जीरो टॉलरेंस की बात करती है और अवैध अतिक्रमण पर सख्त होने का दावा करती है, वह 2012 से घोषित अतिक्रमणकर्ता के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है।
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