
बलरामपुर.
बलरामपुर जिले के धनवार चेक पोस्ट ‘उपज जांच नाका’ पर अवैध वसूली का मामला सामने आया है. उप निरीक्षक और उसके निजी सहयोगी पर चावल से भरी गाड़ियों को पार करने के लिए ट्रक ड्राइवरों से वसूली कर रहे हैं. मामले की जानकारी मिलने के बाद मीडिया की दखल पर मंडी उपनिरीक्षक ने 2600 रुपए वापस कर दिए.
लेकिन वसूली के इस कारनामे ने मंडी पदाधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं. जानकारी के मुताबिक, धनवार अंतरराज्यीय सीमा पर स्थित कृषि उपज जांच नाके पर शंकर दयाल पैकरा उप निरीक्षक और उनके निजी सहयोगी सलीम लकड़ा ने चावल ले जा रहे ट्रकों से 3250 रुपए पहले तो ले लिया. इसके बाद विवाद होने पर मीडिया के दखल पर उपनिरीक्षक शंकर दयाल पैकरा ने 650 रुपए कागजात चेक करने के नाम पर रखे, और बाकि 2600 रुपए वापस किया.
चेक पोस्ट पर दैनिक कर्मचारियों की दादागिरी
सूत्रों के अनुसार, कृषि उपज जांच चेक पोस्ट पर बाहरी वाहनों से दस्तावेज जांच के नाम पर वसूली की जाती है. इसके लिए मंडी चेक पोस्टों में केवल दैनिक कर्मचारियों को ज्यादा रखा जाता है ताकि विवाद होने की स्थिति में इन्हें हटाया सके और जिम्मेदार लोगों पर कोई आंच न आये. पूर्व में भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं. बता दें, यह पहली बार नहीं है जब धनवार चेक पोस्ट से इस तरह की घटना सामने आई है. पहले भी यहां से अवैध वसूली और प्राइवेट कर्मचारियों की दादागिरी के कई वीडियो वायरल हो चुके हैं. इसके बावजूद, प्रशासन ने अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. वहीं स्थानीय व्यापारियों और ट्रक चालकों का कहना है कि चेक पोस्ट पर अवैध वसूली की घटनाओं से उनका कामकाज प्रभावित हो रहा है. कई बार प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई. उनका आरोप है कि अधिकारियों की मिलीभगत से यह अवैध खेल लंबे समय से चल रहा है.
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