नई दिल्ली
अक्सर ऐसा होता है कि हम खाना बनाते वक्त बचे हुए तेल का इस्तेमाल तब तक करते रहते हैं जब कि वो पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता. लेकिन यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने हाल ही में जारी दिशानिर्देशों में वनस्पति तेल या किसी भी प्रकार के तेल को 'बार-बार गर्म करने' के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी है. चिकित्सा अनुसंधान निकाय ने कहा कि वनस्पति तेलों को बार-बार गर्म करने से उसमें जहरीले कंपाउंड पैदा हो सकते हैं जो हृदय रोग और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां का खतरा बढ़ाते हैं.
पिछले अध्ययनों से यह भी पता चला है कि कैसे खाना पकाने के तेल को दोबारा गर्म करने से उसमें से विषाक्त पदार्थ रिलीज होने लगते हैं और शरीर में फ्री रैडिकल्स भी बढ़ सकते हैं जिससे सूजन और विभिन्न क्रॉनिक डिसीस हो सकती हैं.
आईसीएमआर ने राष्ट्रीय पोषण संस्थान के साथ मिलकर अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों के लिए 17 नए आहार दिशानिर्देश जारी किए ताकि उन्हें बेहतर भोजन विकल्प चुनने में मदद मिल सके. दिशानिर्देशों का उद्देश्य भारतीयों को अपना स्वास्थ्य अच्छा रखने और सभी प्रकार के कुपोषण को रोकने के लिए भोजन के स्वस्थ विकल्प की सिफारिशें प्रदान करना है.
बार-बार तेल गर्म करने से कैंसर, हृदय रोग हो सकता है
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि खाना पकाने के लिए वनस्पति तेलों का बार-बार इस्तेमाल करने का चलन घरों और बाहर खाद्य पदार्थ बनाने वाले वेन्यू, दोनों ही जगह बहुत आम है.
रिपोर्ट के अनुसार, वनस्पति तेलों/वसा को बार-बार गर्म करने से ऐसे यौगिकों का निर्माण होता है जो हानिकारक/विषाक्त होते हैं और हृदय रोगों और कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं. उच्च तापमान पर तेल में मौजूद कुछ वसा ट्रांस वसा में बदल जाते हैं. ट्रांस वसा एक हानिकारक वसा है जो हृदय रोग के खतरे को बढ़ाते हैं. जब तेलों का दोबारा उपयोग किया जाता है तो ट्रांस वसा की मात्रा बढ़ जाती है.
वनस्पति तेलों के दोबारा इस्तेमाल के बारे में आईसीएमआर क्या कहता है?
आईसीएमआर ने कहा कि इस तेल का इस्तेमाल आप सब्जी जैसी चीजें बनाने में कर सकते हैं. लेकिन आमतौर पर तेल में फ्राई करने के बाद दोबारा फ्राई करने के लिए उस तेल का इस्तेमाल ना करें. इसके अलावा, संस्थान ने एक बार फ्राई करने के बाद उस बचे हुए तेल को एक या दो दिन के भीतर उपभोग करने का सुझाव दिया है.
विशेषज्ञों ने भी चेताया
वनस्पति तेलों को बार-बार गर्म करने से ट्रांस वसा और एक्रिलामाइड जैसे हानिकारक यौगिकों का निर्माण हो सकता है, जो कैंसर के बढ़ते खतरे से जुड़े हैं. इसके अतिरिक्त तेल को दोबारा गर्म करने और दोबारा उपयोग करने से हानिकारक फ्री रैडिकल्स और अन्य विषाक्त पदार्थों का संचय हो सकता है जो सूजन, हृदय रोगों और लिवर की क्षति में योगदान करते हैं. इन जोखिमों से बचने के लिए एक ही तेल का कई बार उपयोग करने से बचना महत्वपूर्ण है और इसके बजाय हाई स्मोक वाले तेलों का उपयोग करना चाहिए जैसे कि एवोकाडो या कुसुम तेल.
इसके अलावा खाना पकाने के उचित तापमान को बनाए रखने और एक बार उपयोग के बाद उस तेल को दोबारा इस्तेमाल ना करने से संभावित स्वास्थ्य खतरों को काफी कम किया जा सकता है. स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए नियमित रूप से ताजा, असंसाधित तेलों का सेवन करने की ही सलाह दी जाती है.
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