नई दिल्ली
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डायरेक्टर जनरल डॉ. राजीव बहल ने भविष्य की महामारियों (Pandemic) से निपटने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए वन हेल्थ अप्रोच अपनाना बेहद जरूरी है। उनका कहना था कि इंसानों, जानवरों और पर्यावरण तीनों की सेहत पर एक साथ ध्यान देना होगा, क्योंकि केवल इंसानों पर ध्यान देने से महामारी को रोकना पर्याप्त नहीं है।
महामारियों के पीछे वायरस और जानवर
डॉ. राजीव बहल ने न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस को बताया कि पिछले 100 साल में ज्यादातर महामारियां वायरस और जानवरों से फैलने वाली बीमारियों के कारण हुई हैं। उन्होंने कोविड-19 महामारी का उदाहरण देते हुए बताया कि पांच साल पहले आई इस वैश्विक महामारी की उत्पत्ति भी जानवरों से ही हुई थी। डॉ. बहल ने वैज्ञानिकों, इंडस्ट्री और बड़े संस्थानों से अपील की कि वे लगातार बीमारियों पर नजर रखें और उनकी दवाइयों और वैक्सीन की तैयारी बनाए रखें।
ICMR NIV ने आयोजित किया VIROCON 2025 सम्मेलन
डॉ. राजीव बहल ने ये बातें पुणे में आयोजित VIROCON 2025 नामक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान कही। यह सम्मेलन ICMR-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) पुणे द्वारा आयोजित किया गया था। तीन दिन चले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अमेरिका, कनाडा, थाईलैंड और भारत सहित कई देशों से 650 से अधिक विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में भारत के प्रमुख संस्थानों जैसे IISc, IITs, IISERs के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
सम्मेलन की थीम और चर्चा
सम्मेलन की मुख्य थीम थी: “इंसानों, जानवरों और पौधों के वायरस में बदलते हालात और कैसे बेसिक साइंस, इनोवेशन और पब्लिक हेल्थ को जोड़ा जाए।” इस दौरान विशेषज्ञों ने वन हेल्थ अप्रोच और भविष्य की महामारियों के लिए तैयार रहने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की। इसमें शामिल था कि दवाइयां और वैक्सीन कैसे तैयार रखी जाएं, वायरस की बेसिक साइंस यानी फंडामेंटल वायरोलॉजी पर किस तरह रिसर्च बढ़ाई जाए और पब्लिक हेल्थ सिस्टम को मजबूत कैसे किया जाए।

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