IndiGo संकट खत्म होने की उम्मीद! DGCA ने रोस्टर नियमों में दी ढील, इसी को लेकर चल रहा था विवाद

 नई दिल्ली 

इंडिगो को डीजीसीए ने FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशंस) मानदंडों के कुछ प्रावधानों से 10 फरवरी 2026 तक के लिए अस्थायी एकमुश्त छूट दी है. यह छूट रात की ड्यूटी (0000-0500) और रात की ड्यूटी को अव्यवस्थित करने वाले ऑपरेशन से संबंधित मामलों पर दी गई है. इंडिगो ने कहा है कि 5 दिसंबर 2025 को दिल्ली एयरपोर्ट (DEL) से प्रस्थान करने वाली उसकी सभी डोमेस्टिक फ्लाइट्स रात 11:59 बजे तक रद्द रहेंगी. एयरलाइन ने प्रभावित ग्राहकों और हितधारकों से माफी मांगी है. डीजीसीए ने सभी पायलट एसोसिएशन्स से सहयोग करने की गुजारिश की है. 

DGCA ने क्या कहा

DGCA ने अपने नोटिफिकेशन में कहा कि मौजूदा हालात और एयरलाइंस की तरफ से ऑपरेशन्स को स्थिर रखने की मांग को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। नोटिफिकेशन में साफ लिखा गया, ‘चल रहे ऑपरेशनल डिसरप्शन और एयरलाइंस से मिली अपीलों को देखते हुए यह निर्देश कि साप्ताहिक आराम की जगह कोई छुट्टी नहीं दी जा सकती। तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाता है।’
इंडिगो की उड़ानें धड़ाधड़ रुकने लगीं

इंडिगो ने कहा कि अप्रत्याशित घटनाओं से उसके कस्टमर्स प्रभावित हुए हैं. एयरलाइन प्रभावित ग्राहकों को जलपान (Refreshments), उनकी पसंद के मुताबिक अगले उपलब्ध फ्लाइट ऑप्शन, होटल आवास और सामान (Luggage) फिर से प्राप्त करने में सहायता दे रही है. लागू होने पर उन्हें पूरा रिफंड भी दिया जा रहा है.

एयरलाइन ने आज दिल्ली से उड़ान भरने वाले सभी यात्रियों से लगेज कलेक्शन के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर ग्राउंड स्टाफ से संपर्क करने की गुजारिश की है.

बता दें कि FDTL नियमों के लागू होते ही इंडिगो की उड़ानें धड़ाधड़ रुकने लगी थीं। इन नियमों के तहत पायलटों की साप्ताहिक आराम अवधि 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दी गई है। रात की ड्यूटी का समय अब रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक माना जाएगा, और पायलट अब हफ्ते में सिर्फ 2 नाइट लैंडिंग ही कर सकते हैं, जबकि पहले यह सीमा 6 थी। लगातार दो नाइट ड्यूटी से भी रोक लगा दी गई है। साथ ही, 00:00–06:00 के बीच आने वाली उड़ानों की अधिकतम फ्लाइट टाइम सीमा 8 घंटे तय हुई है। चूंकि इंडिगो का बिजनेस मॉडल हाई-फ्रीक्वेंसी और रेड-आई फ्लाइट्स पर चलता है, ऐसे में अचानक क्रू की उपलब्धता बुरी तरह प्रभावित हुई।
FDTL नियमों में क्या बदला गया?

    पायलटों की साप्ताहिक अनिवार्य आराम अवधि 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दी गई।
    नाइट ड्यूटी की परिभाषा बढ़ाकर अब रात 12 से सुबह 6 बजे तक कर दी गई।
    पायलट अब हफ्ते में केवल 2 नाइट लैंडिंग ही कर पाएंगे (पहले यह संख्या 6 थी)।
    नाइट ड्यूटी में पायलट की अधिकतम उड़ान अवधि में भी कटौती की गई है

इन बदलावों ने पायलटों की उपलब्धता को सीधे प्रभावित किया, जिससे शेड्यूल गड़बड़ा गया और बड़ी संख्या में फ्लाइट कैंसिल या लेट होने लगीं।

ये भी हैं दिक्कतें

किस लिए मिली है छूट?

डीजीसीए ने बताया कि यह छूट सिर्फ फ्लाइट ऑपरेशन को पटरी पर लाने के लिए दी गई है. इसे सुरक्षा आवश्यकताओं में कमी नहीं समझा जाएगा. इंडिगो ने कहा कि परिचालन संबंधी चुनौतियां मुख्य रूप से संशोधित फेज-II FDTL सीमाओं के कारण उत्पन्न हुईं. क्रू प्लानिंग और रोस्टरिंग की तैयारी अपर्याप्त थी, जिसकी वजह से बड़े स्तर पर दिक्कतें सामने आईं. 

डीजीसीए ने कहा कि यात्रियों को हुई असुविधा के लिए प्राथमिक जवाबदेही ऑपरेटर्स की है. ऑपरेटर ने जरूरी मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आने वाले दिनों में क्रू की भर्ती का संकेत दिया है.

डीजीसीए की पायलटों से खास अपील

डीजीसीए ने पायलटों से सहयोग करने की गुजारिश की है, क्योंकि इंडिगो से जुड़े चल रही परेशानियों की वजह से हवाई यात्रा से जुड़ा तनाव बढ़ रहा है. डीजीसीए ने कहा की यात्रा ज्यादा होने और शादी के सीजन से पहले यात्रियों की तादाद में बढ़ोतरी होने वाली है. डीजीसीए ने बेहतर ऑपरेशन, कम देरी और रद्दीकरण का आह्वान किया है. पत्र में पायलटों और एयरलाइनों के बीच कोऑर्डिनेशन की जरूरत पर जोर दिया गया है.

डीजीसीए ने साफ किया है कि यह छूट 10 फरवरी 2026 तक वैध रहेगी और परिचालन डेटा और अनुपालन रिपोर्टों के आधार पर हर 15 दिनों में अनिवार्य समीक्षा के अधीन रहेगी. विमानन नियामक (Aviation Regulator) ने यात्री सुरक्षा और FDTL CAR के लागू करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है. डीजीसीए ने कहा कि स्टेबल फ्लाइंग ऑपरेशन सुनिश्चित करने के लिए पायलटों का समर्थन अहम है और उनका मुख्य मकसद यात्रियों को होने वाली असुविधा से बचना है.

इससे पहले Airbus A320 के सॉफ्टवेयर एडवाइजरी ने दिक्कतें बढ़ा दी थीं। वीकेंड पर टेक्निकल अपडेट के कारण उड़ानें लेट हुईं। देर से उतरने या उड़ान भरने का सीधा मतलब था कि कई पायलटों की ड्यूटी नाइट विंडो में चली गई। नतीजतन, सोमवार से FDTL लागू होने पर बहुत-से क्रू मेंबर ऑटोमैटिकली अनिवार्य रेस्ट पीरियड में चले गए। इतनी बड़ी संख्या में क्रू अचानक उपलब्ध न होने से पूरा शेड्यूल चरमरा गया। विंटर शेड्यूल 26 अक्टूबर से शुरू हुआ था, जिससे फ्लाइट्स की संख्या और बढ़ी और परेशानी भी।
इंडिगो ने क्या गलत किया?

अब सवाल है—इंडिगो ने क्या गलत किया? तो बता दें एयरलाइन पिछले कई दिनों से 50% से कम ऑन-टाइम परफॉर्मेंस दिखा रही थी, यात्रियों की शिकायतें बढ़ रहीं थीं, ग्राउंड स्टाफ तक कह रहा था कि 'पायलट उपलब्ध नहीं हैं।' यानी संकट साफ दिख रहा था, फिर भी कंपनी ने समय रहते फ्लाइट्स को घटाया नहीं या क्रू प्लानिंग नहीं सुधारी। एक्सपर्ट कहते हैं कि DGCA को भी विंटर शेड्यूल में अतिरिक्त उड़ानों की मंजूरी देते वक्त नए FDTL नियमों का असर ध्यान में रखना चाहिए था। कई लोग इसे ‘स्टेज मैनेज्ड’ स्थिति मान रहे हैं, लेकिन एक लिस्टेड कंपनी अपनी साख दांव पर लगाने का जोखिम नहीं लेती। असलियत यही लगती है- एक सिस्टमेटिक फेल्योर, जिसके लिए अब तुरंत सुधारात्मक कदम जरूरी हैं, वरना हालात और बिगड़ सकते हैं।

IndiGo की सेवाएं कब होंगी सामान्य?

इंडिगो ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि अगले 48 घंटों में संचालन सामान्य होने लगेगा। कंपनी का कहना है कि उसकी टीमें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं ताकि यात्रियों की असुविधा कम की जा सके और उड़ानों को जल्द से जल्द स्थिर किया जा सके। वहीं, PTI के मुताबिक मुंबई (85 फ्लाइट), हैदराबाद (68 फ्लाइट) और चेन्नई (31 फ्लाइट) समेत कई बड़े एयरपोर्ट भी इससे प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, एक और PTI रिपोर्ट के अनुसार, इंडिगो ने गुरुवार को DGCA को बताया है कि वह 8 दिसंबर से फ्लाइट्स कम करेगी, और पूरी तरह से स्थिर संचालन 10 फरवरी 2026 तक बहाल हो जाएगा।

डीजीसीए ने क्यों दी छूट?

डीजीसीए को कई एयरलाइनों से आवेदन मिले थे. इसके अलावा, चल रहे परिचालन व्यवधानों को देखते हुए, फ्लाइट्स के ऑपरेशन की निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित करना जरूरी माना गया. इसलिए, इस प्रावधान की समीक्षा करना जरूरी समझा गया, जिसमें यह निर्धारित किया गया था कि साप्ताहिक आराम के बदले कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी.

क्या है रोस्टर क्राइसिस?

इंडिगो ने लगातार जारी व्यवधानों के लिए तकनीकी खराबी, मौसम और नए क्रू रोस्टरिंग नियमों को जिम्मेदार बताया है. एयरलाइन का कहना है कि 1 नवंबर से लागू हुए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (एफडीटीएल) नियमों के कारण पायलट और चालक दल की कमी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि अब फ्लाइट घंटों पर सीमा तय कर दी गई है और लंबे आराम को अनिवार्य बनाया गया है.