
बिलासपुर
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के सात प्रोफेसरों और एक छात्र पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) शिविर के दौरान 159 छात्रों को ईद पर नमाज़ पढ़ने के लिए मजबूर किया। विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों की शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि 31 मार्च को शिवतराई गांव में एक सप्ताह के एनएसएस शिविर के दौरान उनकी सहमति के बिना उनसे नमाज अदा करवाई गई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उनके अनुसार एनएसएस शिविर 26 मार्च से 1 अप्रैल तक चला था। छात्रों का आरोप है कि शिविर में उनसे बिना पूछे नमाज करवाई गई।
योगा का कहकर नमाज
कोटा पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि शिविर में छात्रों को योग जैसी कई गतिविधियां कराई जाती हैं। उस दिन ईद थी, इसलिए कुछ मुस्लिम छात्र स्कूल के मैदान में नमाज पढ़ रहे थे। आरोप है कि अन्य छात्रों को भी उनके साथ नमाज पढ़ने के लिए कहा गया। अधिकारी ने कहा कि समस्या यह थी कि प्रोफेसरों ने उन छात्रों की सहमति नहीं ली।
सात लोगों पर मामला दर्ज
शिकायत करने वाले छात्र कुछ दक्षिणपंथी समूह के सदस्यों के साथ पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस ने एनएसएस समन्वयक सहित सात प्रोफेसरों और टीम के मुख्य नेता रहे एक छात्र के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कोटा पुलिस स्टेशन के प्रभारी सुमित कुमार ने कहा कि एफआईआर कोनी पुलिस ने दर्ज की थी और बाद में इसे कोटा पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया गया क्योंकि घटना यहां हुई थी। हमने जांच शुरू कर दी है।
प्रोफेसर का कहना
प्रोफेसरों और छात्र पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (बी), 197 (1) (बी) (सी), 299, 302, और 190 के तहत मामला दर्ज किया गया है। विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और मीडिया सेल के प्रभारी एम एन त्रिपाठी ने बताया कि उन्हें अभी तक FIR की कॉपी नहीं मिली है। पुलिस द्वारा आधिकारिक तौर पर सूचित किए जाने के बाद ही हम टिप्पणी कर पाएंगे।
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