जयपुर
राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरणों की पारदर्शी और जवाबदेशी व्यवस्था से देश के आमजन में न्याय प्रणाली पर भरोसा मजबूत हुआ है। मोदी सरकार के नेतृत्व में देशभर में निःशुल्क विधिक सहायता को एक सुदृढ़, पारदर्शी और प्रभावी प्रणाली के रूप में विकसित किया गया है।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा सभी राज्यों से मासिक गतिविधि रिपोर्ट प्राप्त कर नियमित समीक्षा की जाती है, जबकि वार्षिक रिपोर्ट संसद के समक्ष रखी जाती है। इसके अतिरिक्त संसदीय स्थायी समिति और विभिन्न राष्ट्रीय व क्षेत्रीय बैठकों के माध्यम से भी विधिक सेवा प्राधिकरणों के कार्यों की लगातार निगरानी की जा रही है। राठौड़ के सवाल पर केंद्रीय विधि और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन में यह जानकारी दी।
राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि राजस्थान में बड़ी संख्या में जरूरतमंद नागरिकों को निःशुल्क विधिक सेवाओं का लाभ मिला है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में राजस्थान में 20,290 लोगों को, 2024-25 में 22,216 लोगों को और 2025-26 में अक्टूबर 2025 तक 16,584 लोगों को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान की गई। यह आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि न्याय केवल कागज़ों तक सीमित नहीं, बल्कि आम जन तक वास्तविक रूप में पहुंच रहा है।
उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, विशेषकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए देशभर में व्यापक विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बच्चों, श्रमिकों, आपदा पीड़ितों और दिव्यांगजनों के लिए शिविरों के साथ-साथ सरल भाषा में बुकलेट और पंपलेट वितरित किए जा रहे हैं। ग्रामीण भारत में न्याय जागरूकता को मजबूत करने के लिए नालसा की ‘जागृति’ योजना भी शुरू की गई है। राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने “सबको न्याय” के संकल्प को धरातल पर उतारते हुए विधिक सेवा प्रणाली को नई मजबूती दी है।

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