बांग्लादेश के चार नागरिकों को असम में घुसने से रोका गया : हिमंत

गुवाहाटी
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को बताया कि पुलिस ने चार बांग्लादेशी नागरिकों को करीमगंज जिले के रास्ते भारत में अवैध रूप से घुसने से रोका।

शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मोतिउर शेख, मुशियार मुल्ला, तानिया मुल्ला और रीता मुल्ला के रूप में पहचाने गए बांग्लादेशी नागरिकों ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर करीमगंज सेक्टर के रास्ते देर रात डेढ़ बजे भारत में घुसने का प्रयास किया।’’

शर्मा ने बताया कि हालांकि, पुलिस ने प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप किया और उन्हें तुरंत पीछे धकेल दिया, जिससे अनधिकृत रूप से घुसने की उनकी कोशिश नाकाम हो गई।

मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि बांग्लादेश की स्थिति पूर्वोत्तर राज्य के लिए दो तरह से चिंता का विषय है, एक तो लोगों के सीमा पार से घुसने की आशंका है और दूसरा, पड़ोसी देश फिर से इस क्षेत्र के उग्रवादियों का केंद्र बन सकता है।

शर्मा ने कहा था कि सीमाएं सुरक्षित हैं और राज्य सरकार कड़ी निगरानी रख रही है। उन्होंने कहा था कि अभी तक किसी को भी बांग्लादेश से देश में घुसने नहीं दिया गया है और केवल उन लोगों को प्रवेश की अनुमति दी जा रही है, जिनके पास वैध पासपोर्ट और वीजा है और जो भारत के नागरिक हैं।

असम पुलिस के महानिदेशक जीपी सिंह ने कहा था कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर ‘हाई अलर्ट’ घोषित किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी व्यक्ति अवैध रूप से राज्य में न दाखिल हो पाए।

असम में हथियार और गोला-बारूद बरामद : डीजीपी

 असम के सोनितपुर जिले के एक गांव में पुलिस ने छिपाकर रखे गए हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद किया हैं।

पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को बताया कि यह सामग्री उस समय जमीन में छिपाई गई थीं जब उग्रवादी समूह ‘नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट आफ बोडोलैंड’ (एनडीएफबी) सक्रिय था।

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जी.पी. सिंह ने कहा कि चीन में बने पांच हैंड ग्रेनेड, पांच हस्तनिर्मित ग्रेनेड, एक पिस्तौल, एक रिवॉल्वर और पांच डेटोनेटर बरामद किए गए।

डीजीपी ने कहा, ‘‘सोमवार की सुबह इन्हें सोनितपुर जिले के ढेकियाजुली पुलिस थाने के अंतर्गत बिलासिगुड़ी-बतासीपुर गांव से बरामद किया गया, जहां इन्हें जमीन के नीचे तब छिपाया गया था जब एनडीएफबी सक्रिय था।’’

सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद 2020 में एनडीएफबी को भंग कर दिया गया था।