
बाड़मेर
बाड़मेर-जैसलमेर के पूर्व सांसद और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कर्नल सोनाराम चौधरी का बुधवार को निधन हो गया। कल देर रात दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
सोनाराम आखिरी समय तक सक्रिय राजनीति में जुड़े रहे। सेना में कर्नल पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और मारवाड़ की राजनीति में अपनी मजबूत पहचान बनाई। आज उनका शव सुबह 11:30 बजे एयरबेस उत्तरलाई हवाई मार्ग से लाकर बाड़मेर में उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद उनके पैतृक गांव मोहनगढ़ में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
कर्नल सोनाराम 1996, 1998, 1999 और 2014 में बाड़मेर-जैसलमेर से सांसद चुने गए। इसके अलावा 2008 से 2013 तक वे राजस्थान विधानसभा के सदस्य भी रहे। 2004 के चुनाव में उन्हें मानवेंद्रसिंह जसोल से हार का सामना करना पड़ा था। साल 2014 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा और चौथी बार सांसद बने। हालांकि 9 साल बाद 2023 में वे दोबारा कांग्रेस में लौट आए और गुड़ामलानी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा।
उन्होंने एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर से बीई की डिग्री ली थी। 1966 में वे भारतीय सेना में शामिल हुए और 1971 के भारत-पाक युद्ध में पूर्वी मोर्चे पर अहम भूमिका निभाई। सेना में 25 साल की सेवा के बाद 1994 में उन्होंने सेवानिवृत्ति ली और राजनीतिक पारी शुरू की। कर्नल चौधरी के निधन से मारवाड़ और राजस्थान की राजनीति को गहरी क्षति हुई है।
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