
मुरैना
कूनो नेशनल पार्क की बाउंड्री लांघकर चम्बल के बीहड़ में घुसी मादा चीता माधवी ने ताबड़तोड़ शिकार किए हैं. मुरैना क्षेत्र में एकसाथ 5 बकरियों को अपना निवाला बनाने के बाद चीता माधवी अपने कुनबे के साथ कूनो वापस लौट गई है. चीता माधवी के कुनबे ने यहां कई दिनों तक आतंक मचाया. चीतों के कूनो पार्क में वापस लौटने से ग्रामीण भयमुक्त हो गए है. वहीं, फॉरेस्ट विभाग द्वारा पीड़ित किसानों को बकरियों का मुआवजा देने की कार्रवाई की जा रही है.
कुनबे संग मादा चीता ने लांघी कूनों की सरहद
दरअसल, मादा चीता माधवी अपने 4 शावकों के साथ कूनो नेशनल पार्क की सीमा लांघकर चम्बल के बीहड़ में घुस गई थी. वह सबलगढ़ के जंगल से होते हुए रविवार सुबह पगारा डैम के आसपास दिखाई दी. ग्रामीणों ने मादा चीता को कुनबे के साथ आराम से सड़क पर विचरण करते देखा तो दहशत में आ गए. इसके बाद मादा चीता और उसके कुनबे की लोकेशन पगारा कोठी, नरहेगा और खोह का पुरा के आसपास देखी गई. कूनो राष्ट्रीय उद्यान से लगभग 50 किलोमीटर दूर खुले में चीतों के झुंड को देखकर ग्रामीण घबराए हुए थे. वहीं वन विभाग ने लोगों से अलर्ट रहने के अपील की थी.
5 बकरियों का चीता ने किया शिकार
यहां पर मादा चीता ने खोह का पुरा गांव निवासी विशाल बघेल की 3 बकरियों को अपना शिकार बनाया. इसके बाद मंगलवार को अपने शावकों के साथ देवगढ़ गांव के पास बीहड़ में नजर आई. यहां पर भी चीतों ने रामअवतार गुर्जर और पूरन गुर्जर की 2 बकरियों का शिकार किया. इस मामले में एसडीओ फारेस्ट माधो सिंह ने कहा, "एक सप्ताह पहले मादा चीता माधवी अपने 4 शावकों के साथ चंबल के बीहड़ में आ गई थी. उसने पिछले 2 दिन में 5 बकरियों का शिकार किया है. आज वह अपने कुनबे के साथ कूनो की ओर पलायन कर गई है. पीड़ित किसानों को बकरियों का हर्जाना दिया जाएगा.''
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