रतलाम.
दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर मंगलवार सुबह बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया, जब 66 वर्षीय वृद्ध किसान ने रेलवे ट्रैक पर दरार देखी और लगभग आधा किलोमीटर दौड़ते हुए लूनी रिछा स्टेशन पहुंचकर स्टेशन अधीक्षक को जानकारी दी। उनकी सजगता से ट्रेनों का आवागमन समय रहते रोका गया। स्टेशन अधीक्षक इरफान अली ने बताया कि सुबह करीब 7:46 बजे रिछा गांव निवासी 66 वर्षीय किसान विक्रम सिंह खेत पर जा रहे थे, तभी अपलाइन ट्रैक में उन्हें काफी दरार नजर आई। उन्होंने कोई देरी नहीं की और भागते हुए स्टेशन पहुंचे। वहां मौजूद प्वाइंट मैन निलेश गुर्जर को पूरी बात बताई और दोनों तत्काल स्टेशन अधीक्षक के पास पहुंचे। किसान विक्रम सिंह ने बताया कि मैं रोज की तरह खेत पर जा रहा था, लेकिन आज जैसे ही ट्रैक पार करने लगा, तो कुछ अलग सा नजर आया।
पास जाकर देखा तो पटरी में सीधी दरार थी। मैं घबराया नहीं और सूचना देने के लिए दौड़ पड़ा। स्टेशन अधीक्षक ने तत्काल प्वाइंटमैन को भेजा और दरार की पुष्टि होते ही रेल यातायात तत्काल बंद करवा दिया गया। ट्रेन आने वाली थी कुछ समय बाद ही डॉ. अंबेडकर नगर एक्सप्रेस (20156) दिल्ली की ओर से आने वाली थी, जिसे समय रहते रोक लिया गया। नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। करीब आधे घंटे तक इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही रोकी गई। पहले अस्थायी मरम्मत कर ट्रेनों को धीमी गति से निकाला गया और फिर करीब तीन घंटे की तकनीकी मरम्मत के बाद ट्रैक को पूरी तरह सुचारू किया गया।
रेलवे ने किया सम्मानित
किसान की साहसिक सतर्कता की जानकारी जब कोटा रेल मंडल तक पहुंची, तो अपर मंडल रेल प्रबंधक ने विक्रम सिंह को 2100 रुपये की पुरस्कार राशि देने के निर्देश दिए। स्टेशन अधीक्षक द्वारा उन्हें प्रमाण पत्र और राशि देकर सम्मानित किया गया। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अगर यह सूचना समय पर नहीं मिलती, तो बड़ा हादसा हो सकता था। विक्रम सिंह की सजगता ने सैकड़ों लोगों की जान बचा ली।

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