नई दिल्ली
कांग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से संबंधित मामले पर अपनी पार्टी के ‘आचरण’ पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि पार्टी को इस तरह के रवैये से बचना चाहिए। दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने निर्मला सीतारमण के पति के एक साक्षात्कार के साथ एक वीडियो शेयर करते हुए वित्त मंत्री पर कटाक्ष किया था। कांग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती ने अब इस मामले में अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से निर्मला सीतारमण के पति के बयान को आधार बनाकर मोदी सरकार पर देश में अराजकता और नफरत फैलाने का आरोप लगाया गया है।
कांग्रेस पार्टी ने 7 अप्रैल को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर परकला प्रभाकर का एक साक्षात्कार साझा किया, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि वह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति हैं। दक्षिण के एक प्रमुख प्रकाशन ने प्रभाकर की टिप्पणी का हवाला देते हुए बताया कि अगर मोदी सरकार तीसरी बार जीतती है तो देश में आगे चुनाव नहीं होंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर ने इस साक्षात्कार में कहा कि अगर भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव जीतती है और पीएम नरेंद्र मोदी 2024 में फिर से चुने जाते हैं, तो देश में फिर कभी चुनाव नहीं होंगे। यह पूरा लेख 'हिंदू' में छपा है, जिसे साझा करते हुए कांग्रेस ने यह दावा किया है।
रिपोर्ट ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया और इस पर कई प्रतिक्रियाएं आईं। कई लोगों ने इसे मामले को 'सनसनीखेज बनाने' और वित्त मंत्री की छवि को धूमिल करने का 'शरारतपूर्ण' प्रयास बताया। वहीं, सोशल मीडिया पर कई लोगों ने वित्त मंत्री को उनके पति की व्यक्तिगत टिप्पणियों पर ट्रोल करने के लिए कांग्रेस प्रवक्ताओं की आलोचना की।
डेटा एनालिटिक्स विभाग के प्रमुख और ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस (एआईपीसी) के अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती ने रिपोर्ट की आलोचना करते हुए कहा कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद वित्त मंत्री को बदनाम करने के ऐसे प्रयासों से बचना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने लिखा, ''राजनीतिक और वैचारिक मतभेदों को एक तरफ रख दें, मैं इस बात से सहमत हूं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर उनसे अलग हो चुके पति के बयान का इस्तेमाल करके लगातार कटाक्ष करना गलत है और इसे रोकने की जरूरत है।'' हिंदू समूह की पूर्व अध्यक्ष मालिनी पार्थसारथी ने भी इस तरह के कटाक्ष से असहमति जताई और इसे स्त्रियों से नफरत करने वाला और अभद्र कमेंट बताया।
मालिनी पार्थसारथी ने लिखा, "यह महिला विरोधियों द्वारा सीतारमण के प्रति द्वेष से भरा और जानबूझकर किया गया अपमान है, जो यह नहीं समझते हैं कि महिलाएं सफल हो सकती हैं और अपना जीवन खुद जी सकती हैं।"
उन्होंने कहा, ''यह सबको पता है कि निर्मला सीतारमण और परकला प्रभाकर अलग हो चुके हैं और अलग-अलग रहते हैं। ऐसे में सीतारमण की परकला प्रभाकर से संबंधित टिप्पणियों के लिए आलोचना अनुचित है और इसे रोका जाना चाहिए।''
परकला प्रभाकर एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और सामाजिक टिप्पणीकार हैं। उनका राजनीति में भी कुछ समय का कार्यकाल रहा। वह 2000 के दशक की शुरुआत में भाजपा के आधिकारिक प्रवक्ता थे और बाद में प्रजा राज्यम पार्टी में शामिल हो गए। फिर 2009 में पार्टी के कामकाज से असहमति के कारण इसे छोड़ दिया।
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