
चंडीगढ़
लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी यानी सातवें चरण से पहले पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने गुरुवार को पंजाब के लोगों को संबोधित करते हुए एक खत लिखा है। इस दौरान उन्होंने मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा पंजाब और उसके निवासियों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर चिंता व्यक्त की। डॉ. मनमोहन सिंह ने पत्र में कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने सर्वाधिक नफरत फैलाने वाले द्वेषपूर्ण भाषण दिए हैं, जो पूरी तरह विभाजनकारी प्रकृति के हैं। उन्होंने कहा कि अतीत में किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के किसी विशेष वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए ऐसे घृणित, असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया।
पूर्व पीएम ने लिखा, "मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक चर्चाओं को बहुत ध्यान से देख रहा हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेहद घृणास्पद भाषण दिए हैं, जो पूरी तरह से विभाजनकारी हैं। मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सार्वजनिक संवाद और प्रधानमंत्री पद की गंभीरता को कम किया है। इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने किसी खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए इतनी घृणित, असंसदीय और निम्नस्तरीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने मेरे लिए भी कुछ गलत बयान दिए हैं। मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया। यह भाजपा की आदत है।"
मनमोहन सिंह ने लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के तहत एक जून को होने वाले मतदान से पहले पंजाब के मतदाताओं से अपील करते हुए दावा किया कि केवल कांग्रेस ही है जो ऐसा विकासोन्मुख प्रगतिशील भविष्य सुनिश्चित कर सकती है, जहां लोकतंत्र और संविधान की रक्षा होगी। पंजाब के मतदाताओं को लिखे एक पत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सशस्त्र बलों पर अग्निवीर योजना थोपने का भी आरोप लगाया और कहा, ‘‘भाजपा सोचती है कि देशभक्ति, शौर्य और सेवा का मूल्य केवल चार साल है। यह उनके नकली राष्ट्रवाद को दर्शाता है।’’
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अतीत में किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के किसी खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के मकसद से इस तरह के द्वेषपूर्ण, असंसदीय और असभ्य शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने मेरे लिए कुछ गलत बयान भी दिए हैं। मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया है। इस पर भाजपा का एकमात्र कॉपीराइट है।’’ मोदी ने सिंह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री रहते कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। सिंह ने कहा कि भारत के लोग यह सब देख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अमानवीकरण की यह कथा अब अपने चरम पर पहुंच गई है। अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने प्यारे राष्ट्र को इन विभाजनकारी ताकतों से बचाएं।’’
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