नई दिल्ली
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है। नए नियमों में अब कर्मचारी अपने भविष्य निधि (EPF) खाते से 100 प्रतिशत तक राशि निकाल सकते हैं। यह सुविधा कुछ शर्तों के जरिए पूरी होगी, जिससे सेवानिवृत्ति निधि पूरी तरह समाप्त न हो।
100% निकासी की सुविधा
नए नियमों के अनुसार, कर्मचारी अब अपने ईपीएफ खाते से पूरी राशि (कर्मचारी और नियोक्ता का अंशदान) निकाल सकते हैं। यह निकासी केवल विशेष परिस्थितियों (बीमारी, शिक्षा, विवाह या आवास निर्माण जैसी जरूरतें) में ही संभव होगी। ईपीएफओ ने स्पष्ट किया है कि यह सुविधा आकस्मिक जरूरतों को पूरा करने के लिए दी है।
25% राशि खाते में रखना जरूरी
फाइनेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सदस्यों को अपने कुल ईपीएफ बैलेंस का कम से कम 25 प्रतिशत हिस्सा खाते में बनाए रखना होगा। इस राशि पर ब्याज (अभी 8.25%) और चक्रवृद्धि ब्याज मिलता रहेगा। इससे सदस्य अपनी भविष्य की सेवानिवृत्ति निधि को सुरक्षित रख सकेंगे और समय के साथ उस पर अतिरिक्त लाभ भी प्राप्त करेंगे।
शिक्षा और विवाह के लिए निकासी के नियम बदले
पहले सदस्य शिक्षा के लिए तीन बार और विवाह के लिए तीन बार तक निधि निकाल सकते थे। अब यह सीमा बढ़ा दी गई है। नए प्रावधानों के तहत सदस्य शिक्षा के लिए 10 बार और विवाह के लिए 5 बार तक राशि निकाल सकते हैं। यह सुविधा परिवारों को बिना कर्ज लिए बड़े खर्चों को संभालने में मदद करेगी।
बेरोजगारी और विशेष परिस्थितियों में राहत
अब बेरोजगारी की स्थिति में सदस्य अपने खाते से 75 प्रतिशत राशि निकाल सकते हैं, जबकि शेष 25 प्रतिशत राशि अंतिम निपटान के समय मिलती है। पहले सदस्यों को प्राकृतिक आपदा या लॉकडाउन जैसे कारणों का प्रमाण देना पड़ता था, जिससे आवेदन अस्वीकार हो जाते थे। नए नियमों के बाद प्रक्रिया अधिक आसान और पारदर्शी हो गई है।

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