अर्थ नीति ही तय करती है राष्ट्र की प्रगति की दिशा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसी भी राष्ट्र की सशक्त अर्थ नीति और वैचारिक दूरदर्शिता ही उसके विकास की संतुलित गति, स्थायित्व और भविष्य की दिशा तय करती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीता दशक देश की अर्थव्यवस्था के लिए स्वर्णिम काल रहा है। इस दौरान देश ने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक चुनौतियों से उबरते हुए विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मुंबई में आयोजित वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम कॉन्फ्रेंस–2025 को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश का औद्योगिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। मध्यप्रदेश में निवेश और सरलता से व्यापार-व्यवसाय बढ़ाने के लिए हमारी सरकार निवेशकों की हर संभव मदद करने को तत्पर है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश करने के इच्छुक हर निवेशक के लिए हमारी सरकार हर घड़ी उनके साथ खड़ी है। निवेशकों की जरूरतों से हम वाक़िफ हैं, इसीलिए जैसी जरूरत, हमारी सरकार निवेशकों की वैसी मदद करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम सब मिल जुलकर 'मेक इन इंडिया' और 'विकसित भारत' के संकल्प को साकार करेंगे। देश को वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्वालियर में 25 दिसंबर को भारतरत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मशताब्दी वर्ष के समापन के अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री  अमित शाह प्रदेश में 2.5 लाख करोड़ रूपये लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी को ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट’ में शामिल होने के लिए ग्वालियर आमंत्रित करते हुए कहा कि यह आयोजन ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ के सफल समापन का साक्षी बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेशकों को बेहतर पॉलिसी, अवसर, इन्सेंटिव, इको सिस्टम, मार्केट लिंकेज और ग्रोथ रेट के साथ-साथ सरकार का फुल सपोर्ट मिलेगा। हमारे यहां उद्योगों के लिए पर्याप्त लैंड और वॉटर बैंक है, यूथ फोर्स है और स्किल्ड ह्यूमन रिसोर्स भी है। उन्होंने निवेशकों से मध्यप्रदेश में निवेश करने के लिए बेहिचक आगे बढ़ने का आहवान किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए भारत की आर्थिक प्रगति, सांस्कृतिक मूल्यों और वैश्विक नेतृत्व की भूमिका पर विस्तार से अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि आज भारत जिस रफ्तार से आर्थिक प्रगति कर रहा है, वह अभूतपूर्व है। सुदृढ़ नीतियों, संरचनात्मक सुधारों, आत्मनिर्भर भारत अभियान और वैश्विक निवेशकों के बढ़ते विश्वास के कारण हमारा देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत शीघ्र ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।

देश-विदेश से बड़ी संख्या में आए बिजनेस टायकून्स, उद्योगपतियों, नीति-निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों, शिक्षाविदों, ग्लोबल इकोनॉमी के विचारकों और वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम के सभी सदस्यों ने कॉफ्रेंस में शिरकत की। वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम कॉन्फ्रेंस–2025 भारत की आर्थिक सोच, सांस्कृतिक विरासत और वैश्विक दृष्टि को एक साझा मंच प्रदान कर रहा है, इससे देश की भावी विकास यात्रा को नई दिशा और ऊर्जा मिल रही है।

मध्यप्रदेश : निवेश और विकास का नया केंद्र

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कांफ्रेंस में मध्यप्रदेश की बेजोड़ उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य निवेश, उद्योग, कृषि, ऊर्जा और पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से उभर रहा है। मध्यप्रदेश में कभी भी औद्योगिक बाधाओं (इंडस्ट्रियल अनरेस्ट) की शिकायत नहीं रही। सरकार की निवेशकों के अनुकूल 18 नई औद्योगिक नीतियों, पारदर्शी शासन-प्रशासन और मजबूत बुनियादी ढांचे के कारण मध्यप्रदेश आज निवेशकों और नव उद्यमियों के लिए एक आकर्षक और भरोसेमंद केंद्र बन गया है। हम निवेशकों को हर जरूरी प्रोत्साहन, न्यूनतम दर पर भूमि, मदद और मार्गदर्शन भी मुहैया करा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि "इनोवेशन प्रास्पेरिटी एण्ड सेल्फ-रिलायंस : इंडिया पाथ टू ग्लोबल लीडरशिप" जैसे विषय पर ऐसे समय में संवाद हो रहा है, जब भारत केवल उभरती हुई अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि विश्व को दिशा देने वाली शक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है। भारतीय परम्परा में अर्थ को कभी भी केवल लाभ तक सीमित नहीं रखा गया, बल्कि उसे लोक कल्याण, संतुलन और दीर्घकालिक समृद्धि से जोड़ा गया है। भारत अब "मेक इन इंडिया" से लेकर " मेक फॉर वर्ल्ड" के लिए तैयार है। यह परिवर्तन परफॉर्म, रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और इनोवेशन की नीति से आया है। मध्यप्रदेश भारत के सबसे तेजी से विकसित होते राज्यों में से एक है। हमने ईज़ ऑफ डूइंग को केवल कागजों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे धरातल पर उतारते हुए उसे स्पीड स्केल और स्किल ऑफ डूइंग में परिवर्तित कर दिया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमने 18 नई औद्योगिक पॉलिसी लॉन्च कीं, जो प्रदेश की ग्रोथ के लिए गेम चेंजर सिद्ध हो रही हैं। धार जिले में देश के पहले और सबसे बड़े पीएम टेक्सटाइल पार्क का भूमि-पूजन किया गया है। यह पार्क फार्म-टू-फाइबर-टू-फैक्ट्री-टू-फैशन-टू-फॉरेन के विजन को साकार करेगा। प्रदेश में 20 लाख 43 हजार से अधिक एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं। पिछले 3 वर्षों में 4 लाख 26 हजार से अधिक नई विनिर्माण इकाइयां स्थापित हुईं। इनसे 66 हजार करोड़ से अधिक निवेश एवं एक करोड़ से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने " ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) पॉलिसी" और "एपीजीसी-एक्सआर हब" जैसी अभिनव पॉलिसी लागू की हैं। जल्द ही प्रदेश में स्पेस टेक पॉलिसी भी लागू की जाएगी। स्टार्ट-अप्स को वित्तीय सहायता, बुनियादी ढांचा सहयोग के लिए 'एमपी स्टार्ट- अप पॉलिसी एंड इम्लीमेंटेशन स्कीम लागू की गई है। पर्यटकों को एमपी के टूरिज्म का एक्सपीरियंस लुभा रहा है। प्रदेश में वर्ष 2024 में पर्यटन के क्षेत्र में कीर्तिमान रचा है। रिकॉर्ड 13.41 करोड़ पर्यटक मध्यप्रदेश आए। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए हमने मध्यप्रदेश में पीएम पर्यटन वायु सेवा और हेली पर्यटन सेवा जैसे नवाचारों की शुरुआत भी की है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश डबल इंजन की सरकार के साथ आगे बढ़ रहा है। राज्य में कृषि के साथ औद्योगिक विकास पर विशेष जोर दिया गया है। हमारी सरकार ने प्रदेश में लॉजिस्टिक, मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी और सप्लाई चेन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। देश के मध्य में होने का बड़ा लाभ मध्यप्रदेश को मिल रहा है। हमने जन विश्वास अधिनियम के अंर्तगत 118 पुराने नियम जरूरत के अनुसार सरल किए या समाप्त हैं। प्रदेश में सरलता के साथ व्यापार-व्यवसाय कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस दिशा में सरकार कार्य कर रही है। मध्यप्रदेश सरकार अपनी नीति और नीयत में पारदर्शिता रखते हुए आगे बढ़ रही है। पिछले दिनों रायसेन जिले के उमरिया गांव में रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह ने 1800 करोड़ की लागत से बनने वाले भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) की ईकाई का भूमि-पूजन किया। यहां स्वदेशी रेल और मेट्रो कोच तैयार किए जाएंगे। इसी साल फरवरी में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) आयोजित की गई। इससे प्रदेश में अब तक बम्पर निवेश आया है, जिसमें से 6 लाख करोड़ लागत के कार्य प्रारंभ किए जा चुके हैं। प्रदेश में इंदौर-उज्जैन मेट्रोपॉलिटन सिटी और भोपाल-रायसेन मेट्रोपॉलिटन सिटी के बाद ग्वालियर और जबलपुर को भी मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल में केंद्रीय मंत्री  मनोहर लाल खट्टर 20 दिसंबर को मेट्रो सेवा की शुरुआत करेंगे। प्रदेश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर दोनों शहरों में मेट्रो सेवा उपलब्ध होंगी। प्रदेश में वर्तमान में 8 एयरपोर्ट संचालित हो रहे हैं। प्रदेश में टीसीएस, इंफोसिस जैसी 2500 से अधिक आईटी कंपनियां कार्य कर रही हैं। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों को आईटी पार्क से लिंक किया जा रहा है। प्रदेश में साइंस सिटी, डीप-फेक रिसर्च सेंटर, एआई सिटी भी बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश बेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन के साथ फिल्म फ्रैंडली स्टेट भी बन रहा है। फिल्मों की शूटिंग को राज्य में गति मिल रही है। होम बाउंड, लॉयन, स्त्री, पैडमैन जैसी फिल्मों से मध्य प्रदेश में फिल्म उद्योग की संभावनाएं दिखी हैं।मध्यप्रदेश में वर्ष 2024 में 13.5 करोड़ से अधिक पर्यटक आए, जिसमें शामिल 7 करोड़ पर्यटक धार्मिक पर्यटन के लिए उज्जैन पहुंचे। अब उज्जैन देश में धार्मिक पर्यटकों की संख्या के हिसाब से अग्रणी शहर है। स्वच्छता के मामले में मध्यप्रदेश ने अपनी अलग पहचान बनाई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश भारत का फूड बॉस्केट है। गेहूं, सोयाबीन, तिलहन, मक्का और मिलेट्स का उत्पादन हमें वैश्विक खाद्य उद्योग का केंद्र बना रहा है। फार्मस्यूटिकल्स राज्य के कुल निर्यात का 20 प्रतिशत हिस्सा हैं, जो इस सेक्टर की ताकत को दर्शाता है। मध्यप्रदेश के बीना में 49 हजार करोड़ रुपए की लागत से पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री की स्थापना की जा रही है। प्रदेश में कोयले के विशाल भण्डार उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश का टेक्सटाइल और हैंडलूम हमारी पहचान है। महेश्वरी और चंदेरी साड़ियां, बाग प्रिंट, बटिक प्रिंट, ग्वालियर की कालीन अपनी गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध हैं। प्रदेश में जैविक कपास उत्पादन में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। कपास के उत्पादन के कारण राज्य में अनेक हैंडलूम कारखाने संचालित हैं स्थानीय स्तर पर लोग रोजगार-स्वरोजगार से जुड़े हैं। कपड़ा उद्योग में मध्यप्रदेश का बड़ा नाम है। मध्यप्रदेश ऑटो इंडस्ट्री में विकास की क्षमता रखता है। पीथमपुर को भारत का डेट्राइट कहा जाता है। इंदौर के पास ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक उपलब्ध है। यहां फोर्स मोटर्स और ब्रिजस्टोन जैसी कंपनियां संचालित हैं। मध्यप्रदेश का ईवी सेक्टर देश में तेजी से बढ़ता सेक्टर है। मध्यप्रदेश स्वच्छ ऊर्जा में देश का प्रतिनिधित्व कर रहा है। मध्यप्रदेश देश का सरप्लस बिजली स्टेट हैं। रीवा के सोलर पार्क की बिजली से दिल्ली की मेट्रो तक दौड़ रही है। देश का पहला फ्लोटिंग सोलर एनर्जी पार्क ओंकारेश्वर में स्थापित है। हरित ऊर्जा क्षेत्र की ग्रीनको कंपनी ने नीमच में पंप स्टोरेज (हाईड्रो पॉवर) प्लांट लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य में विभिन्न सेक्टर्स की बड़ी कंपनियां तेजी से उद्योग स्थापित करते हुए अपना उत्पादन शुरू कर चुकी हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमने उद्योगों की स्थापना एवं औद्योगिक विकास के लिए सर्वाधिक समय दिया है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के जरिए जिला एवं संभाग स्तर पर व्यापार-व्यवसाय की संभावनाएं तलाशी गई हैं। प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए नई पॉलिसी लागू हैं, सरलता से उद्योग आगे बढ़ें, इसके लिए राज्य सरकार नीतियों से आगे जाकर भी निवेशकों का सहयोग करने के लिए तैयार है। मध्यप्रदेश सरकार कदम से कदम मिलाकर निवेशकों के साथ मौजूद है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आहवान किया कि हम सब देश, मध्यप्रदेश और वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम को मजबूत करते हुए आगे बढ़ें। कार्यक्रम को वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम कॉफ्रेंस के सचिव  रविकांत मिश्रा एवं अन्य ने भी संबोधित किया।