मुंबई
महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रदेश की जनता ने हमें अभूतपूर्व जीत दी है। उन्होंने आगे कहा कि देश और प्रदेश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैं। उनके दिए नारे 'एक हैं तो सुरक्षित हैं' के अनुरूप सभी वर्गों और समुदायों के लोगों ने एकजुट होकर हमें वोट दिया। यह महायुति, सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम अजित पवार और रामदास अठावले की जीत है, यह एकता की जीत है। विपक्ष की ओर से धर्म के आधार पर मतदाताओं के ध्रुवीकरण के प्रयासों को जनता ने नाकाम कर दिया। प्रदेश की जनता को हमारी सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ बड़े पैमाने पर मिला है। जिसका परिणाम यह है कि जनता ने हमें बड़े बहुमत के साथ सेवा करने का एक और अवसर दिया है।
महाराष्ट्र के अगले सीएम के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के चेहरे पर कोई विवाद नहीं होगा। यह पहले दिन से तय था कि चुनाव के बाद तीनों पार्टियों के नेता एक साथ बैठेंगे और इस पर फैसला करें। फैसला सभी को मान्य होगा, इस पर कोई विवाद नहीं है। जो होगा उचित निर्णय होगा।
देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि मैंने पहले कहा था कि मैं आधुनिक अभिमन्यु हूं और चक्रव्यूह तोड़ना जानता हूं। मुझे लगता है कि इस जीत में मेरा योगदान छोटा है, यह हमारी टीम की जीत है। लोगों ने एकनाथ शिंदे को असली शिवसेना के रूप में स्वीकार कर लिया है। वहीं जनता ने अपने जनादेश से अजित पवार की एनसीपी को असली माना है। हम इस जीत के लिए प्रदेश की जनता का आभार जताते हैं।
संजय राउत के बयान पर प्रतिक्रिया करते हुए उन्होंने तंज कसा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने झारखंड में जीत हासिल की है। वहां चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष हुआ। वहां चुनाव आयोग ने अच्छा काम किया। वहां ईवीएम इतनी मजबूत थी कि उसे हैक नहीं किया जा सका और महाराष्ट्र में हमें बहुत बड़ी जीत मिली है। यहां ईवीएम पक्षपाती हो गई। यहां लोकतंत्र की हत्या कर दी गई है। कभी-कभी आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत होती है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) भारी बहुमत की ओर अग्रसर है। वहीं झारखंड में जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा पार किया है और सत्ता में लगातार दूसरी बार लौटने में कामयाब रही है।
महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन 226 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं विपक्ष महाविकास अघाड़ी (एमवीए) 288 सदस्यीय विधानसभा में 54 सीटों पर आगे है। झारखंड में शुरू में काफी कड़ी टक्कर देखने को मिली लेकिन हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 41 के बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है और 55 सीटों पर बढ़त बना ली। वहीं एनडीए 25 सीटों पर आगे चल रहा है।
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