नई दिल्ली
सीयूईटी यूजी 2025 प्रवेश परीक्षा बड़े बदलावों के साथ होगी। अब छात्र किसी भी विषय में सीयूईटी यूजी परीक्षा दे सकेंगे चाहे उन्होंने 12वीं में वह विषय पढ़ा हो या नहीं। इसके अलावा सीयूईटी यूजी केवल कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट मोड (सीबीटी) में आयोजित की जाएगी। यूजीसी के चेयरमैन जगदीश कुमार ने मंगलवार को इन बदलावों की घोषण की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा गठित एक विशेषज्ञ पैनल ने परीक्षा की समीक्षा कर कई बदलावों की सिफारिश की थी। कुमार ने कहा, 'पिछले साल हाइब्रिड मोड के उलट 2025 से परीक्षा केवल सीबीटी मोड में आयोजित की जाएगी। हमने विषयों की संख्या भी 63 से घटाकर 37 कर दी है और हटाए गए विषयों के लिए प्रवेश सामान्य योग्यता परीक्षा (जीएटी – जनरल एप्टीट्यूट टेस्ट) के अंकों के आधार पर आयोजित किए जाएंगे।' आपको बता दें कि सीयूईटी यूजी स्कोर से डीयू, बीएचयू, जामिया, जेएनयू समेत देश के 250 से भी ज्यादा विश्वविद्यालयों में दाखिला मिलता है।
बातचीत में उन्होंने कहा, 'उम्मीदवारों को सीयूईटी-यूजी में उन विषयों को चुनने की भी अनुमति दी जाएगी, जिन्हें उन्होंने कक्षा 12 में नहीं पढ़ा है, ताकि छात्रों को उच्च शिक्षा में कठोर अनुशासनात्मक सीमाओं को पार करने की अनुमति मिल सके।' इसका मतलब है कि स्टूडेंट अंडर ग्रेजुएशन में किसी भी कोर्स में दाखिला ले सकता है चाहे उसने वह विषय 12वीं में पढ़ा हो या न पढ़ा हो, बस उसे एक सीयूईटी प्रवेश परीक्षा पास कर एडमिशन के जरूरी कटऑफ पर खरा उतरना होगा। 12वीं की स्ट्रीम कोई मायने नहीं रखेगी। छात्र अब अपने पिछले विषयों की परवाह किए बिना किसी भी फील्ड में यूजी कार्यक्रमों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
सीयूईटी यूजी में फेरबदल
1- किसी भी विषय से दें सीयूईटी, 12वीं की स्ट्रीम या विषय मायने नहीं रखेंगे
2- सभी सीयूईटी यूजी परीक्षाओं के लिए 60 मिनट की समान अवधि होगी
3- वैकल्पिक प्रश्नों का सिस्टम खत्म होगा। सभी प्रश्न अनिवार्य होंगे।
4- सीयूईटी यूजी में विषयों की संख्या भी 63 से घटाकर 37 होगी।
5- पूरी सीयूईटी सीबीटी मोड में होगा। पिछले साल सीयूईटी हाईब्रिड मोड (पेन पेपर और कंप्यूटर बेस्ड दोनों) में हुआ था।
6- अब 6 की बजाय अधिकतम 5 विषयों में उपस्थित हो सकेंगे।
सीयूईटी 2025 में बदलावों पर बोलते हुए कुमार ने कहा कि छात्र सीयूईटी यूजी के लिए अधिकतम 5 विषयों में उपस्थित हो सकेंगे, जबकि पहले यह सीमा 6 थी। इसी तरह परीक्षा की अवधि जो विषय के आधार पर 45 मिनट से 60 मिनट तक होती थी, अब सब विषयों की एक ही 60 मिनट होगी। परीक्षा में अब ऑप्शनल प्रश्न हटाए जाएंगे। अब सभी प्रश्न अनिवार्य होंगे।
2022 में आया था सीयूईटी
सीयूईटी को पूरे भारत में विश्वविद्यालय एडमिशन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए 2022 में शुरू किया गया था लेकिन इसको लागू करना का चुनौतियों से भरा रहा है। पहले साल में परीक्षा केंद्रों में अचानक परिवर्तन, तकनीकी गड़बड़ियां और काफी पेपरों का रद्द होना सहित लॉजिस्टिक विफलताएं देखी गईं, जिससे सितंबर तक परिणामों की घोषणा में देरी हुई। कई शिफ्टों में एग्जाम होने के चलते आए नॉर्मलाइजेशन ने असंतोष को और बढ़ा दिया। 2023 में आंसर-की में काफी गड़बड़िया देखने को मिली। सुधार के लिए 200 रुपये का शुल्क तक देना पड़ा। 2024 में नीट यूजी पेपर लीक के आरोपों ने सीयूईटी के परिणामों में और देरी की। लॉजिस्टिक कारणों दिल्ली में पहले हाइब्रिड-मोड टेस्ट को अचानक रद्द कर दिया गया जिसकी व्यापक आलोचना हुई।
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