उज्जैन
उज्जैन में 25 दिसंबर के बाद से महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. देश के अलग–अलग राज्यों से लाखों भक्त अपने निजी वाहनों से बाबा महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन पहुंच रहे हैं, लेकिन इस भारी भीड़ के बीच शहर की यातायात व्यवस्था को संभालना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया था. अब इस चुनौती से निपटने के लिए उज्जैन पुलिस ने एक हाईटेक और अनोखा तरीका अपनाया है.
महाकाल मंदिर में प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. सामान्य दिनों में रोज़ाना 5 से 6 हजार चार पहिया वाहन उज्जैन आते हैं, जबकि छुट्टियों में यह संख्या 10 से 12 हजार तक पहुंच जाती है. गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों से आने वाले श्रद्धालु गूगल मैप के सहारे सीधे शहर के अंदरूनी और संकरे रास्तों में प्रवेश कर रहे थे, जिससे कई इलाकों में भीषण जाम की स्थिति बन रही थी.
गूगल मैप से ट्रैफिक कंट्रोल
महाकाल मंदिर में प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. सामान्य दिनों में 5-6 हजार चार पहिया वाहन आते हैं, जबकि छुट्टियों में यह संख्या बढ़कर 10–12 हजार तक हो जाती है. श्रद्धालु गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों से आते हैं और गूगल मैप के जरिए संकरे रास्तों में प्रवेश करते हैं। इससे कई इलाकों में भीषण जाम बन जाता था. उज्जैन पुलिस ने इस समस्या का हाईटेक समाधान निकाला। पहली बार गूगल मैप को क्राउड मैनेजमेंट का हथियार बनाया गया। आईटी एक्सपर्ट्स और साइबर टीम के साथ मिलकर पुलिस ने गूगल मैप के रूट सिस्टम में बदलाव किया. अब जैसे ही किसी मार्ग पर जाम बनता है, वह सड़क गूगल मैप से तुरंत हटा दी जाती है और खाली वैकल्पिक मार्ग सक्रिय कर दिया जाता है।
श्रद्धालुओं को दिखेंगे रास्ते
इस व्यवस्था के तहत बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को गूगल मैप पर केवल वही रास्ते दिखाई देते हैं जो पुलिस द्वारा तय किए गए हैं. भीड़भाड़ वाले और संकरे रास्तों को मैप से ब्लॉक कर दिया गया, जबकि बाहरी रिंग रोड और डेडिकेटेड पार्किंग रूट को नेविगेशन में दिखाया जा रहा है।
रियल टाइम ट्रैफिक मॉनिटरिंग
10 सदस्यीय पुलिस टीम सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक रियल टाइम ट्रैफिक की निगरानी करती है. जिस मार्ग पर जाम बनता है, उसे तुरंत डायवर्ट किया जाता है. गूगल मैप पर उस रूट को हटा दिया जाता है और केवल वैकल्पिक मार्ग दिखाया जाता है. इस काम के लिए गुरुग्राम की आईटी कंपनी को हायर किया गया है, जो गूगल एल्गोरिदम के जरिए केवल खाली रूट ही दिखाती है।
जनवरी तक VIP दर्शन बंद
महाकाल मंदिर समिति ने नए साल की भीड़ को देखते हुए 12 दिन के लिए नई व्यवस्थाएं लागू की हैं. 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग बंद. श्रद्धालु केवल ऑफलाइन बुकिंग करा सकेंगे.1 जनवरी की भस्म आरती के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार की बुकिंग पूरी तरह बंद. 5 जनवरी तक VIP दर्शन व्यवस्था भी बंद, केवल VVIP श्रद्धालुओं को सुविधा. बीते तीन दिनों में 5.50 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए.
उज्जैन पुलिस ने गूगल मैप को क्राउड मैनेजमेंट का हथियार बनाया
इसी समस्या को देखते हुए उज्जैन पुलिस ने पहली बार गूगल मैप को क्राउड मैनेजमेंट का हथियार बनाया है. पुलिस ने आईटी एक्सपर्ट्स और साइबर टीम के साथ मिलकर गूगल मैप के रूट सिस्टम में बदलाव किया है. अब जैसे ही किसी मार्ग पर जाम की स्थिति बनती है, उस सड़क को गूगल मैप से तुरंत हटा दिया जाता है और खाली वैकल्पिक मार्ग को सक्रिय कर दिया जाता है.
मैप पर वही रूट दिखता है, जो पुलिस तय करती है सीएसपी राहुल देशमुख ने कहा- चार धाम स्मार्ट पार्किंग और हरसिद्धि मंदिर की पाल के पास बनी पार्किंग महाकाल मंदिर के सबसे नजदीक हैं। यहां देशभर से आने वाले श्रद्धालु गूगल मैप के जरिए भीड़भाड़ वाले इलाकों से शहर में प्रवेश कर जाते थे, जिससे जाम की स्थिति बनती थी। इससे बचने के लिए तकनीकी डेटा का उपयोग कर वाहनों को भीड़भाड़ वाले मार्गों पर जाने से रोक दिया जाता है।
गूगल मैप पर श्रद्धालुओं को वही डेडिकेटेड रूट दिखाया जाता है, जो उन्हें संकरे रास्तों और शहर के अंदरूनी क्षेत्रों से बचाते हुए सीधे बाहरी मार्गों से पार्किंग तक पहुंचाता है। इस प्रक्रिया पर यातायात और साइबर टीम लगातार काम कर रही है।
आईटी कंपनी के साथ रियल टाइम ट्रैफिक की निगरानी सीएसपी देशमुख ने बताया- पुलिस की 10 सदस्यीय टीम सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक रियल टाइम ट्रैफिक की निगरानी करती है। जिस मार्ग पर यातायात बढ़ता है या जाम की स्थिति बनती है, उसे तुरंत डायवर्ट कर दिया जाता है।
इसके बाद गूगल मैप पर उस रूट को हटा दिया जाता है और श्रद्धालुओं को केवल वही वैकल्पिक मार्ग दिखाया जाता है, जिससे वे सीधे पार्किंग तक पहुंच सकें। इसके लिए गुरुग्राम की एक आईटी कंपनी को हायर किया है। यह कंपनी गूगल के एल्गोरिदम के जरिए केवल खाली रूट को ही दिखाती है।
रियल टाइम में बदल रहे रूट, सीधे पार्किंग तक पहुंच रहे वाहन सीएसपी देशमुख ने बताया कि डेडिकेटेड टीम द्वारा रियल टाइम में रूट बदले जा रहे हैं। गूगल मैप की सहायता से महाकाल दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु पुलिस के बताए रास्तों से सीधे पार्किंग तक पहुंच रहे हैं, वह भी बिना शहर में प्रवेश किए। मंदिर के आसपास के मुख्य क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के वाहन और दुकानों को सड़कों पर लगाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
फिर भी श्रद्धालु बेगमबाग होते हुए स्मार्ट पार्किंग में वाहन खड़े कर रहे हैं। इसके चलते बेगमबाग, महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, हरसिद्धि मंदिर, जंतर-मंतर, जयसिंहपुरा, रेलवे क्रॉसिंग और शक्तिपथ की पार्किंग के मार्गों पर सबसे अधिक जाम की स्थिति बन रही है। इसे देखते हुए मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं से निर्धारित पार्किंगों का उपयोग करने की अपील की है।
भस्म आरती की बुकिंग और VIP दर्शन व्यवस्था 5 जनवरी तक बंद महाकाल मंदिर समिति ने नव वर्ष की भीड़ को देखते हुए 12 दिन के लिए नई व्यवस्थाएं लागू की हैं। 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग बंद कर दी गई है। श्रद्धालु केवल ऑफलाइन बुकिंग करा सकेंगे। वहीं, 1 जनवरी को होने वाली भस्म आरती के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार की बुकिंग पूरी तरह बंद कर दी गई है।
बीते तीन दिन में 5.50 लाख श्रद्धालुओं के दर्शन करने के बाद समिति ने शनिवार से 5 जनवरी तक प्रोटोकॉल (VIP) दर्शन व्यवस्था भी बंद कर दी है। इस अवधि में केवल वीवीआईपी श्रद्धालुओं को ही प्रोटोकॉल सुविधा मिलेगी।

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